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मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उत्तराखण्ड आने का दिया न्यौता

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर्र ंसह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उत्तराखंड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को मलारी (चमोली) की शॉल और नारायण आश्रम की प्रतिकृति भेंट की। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश को रिवर राफ्टिंग में आनकॉन सिटी के रूप में चयनित करने पर आभार व्यक्त करते हुए हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर परियोजना के लिए राज्य के सीमित संसाधनों को देखते हुए केंद्र स्तर से संसाधन उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने सड़क परिवहन मंत्रालय में प्रेषित प्रस्तावों ऋषिकेश बायपास, हरिद्वार बायपास (पैकेज 2), देहरादून-मसूरी कनेक्टिविटी, देहरादून रिंग रोड, चंपावत बायपास, लालकुआं, हल्द्वानी और काठगोदाम बायपास और मानसखंड प्रॉजेक्ट की स्वीकृति के लिए संबंधित को निर्देशित किए जाने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री को राज्य में संचालित विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के प्रथम चरण पर तेजी से काम चल रहा है। टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना का सर्वे का कार्य हो चुका है। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना की स्वीकृति और परियोजना का पूर्ण वित्तीय व्यय भार केंद्र सरकार द्वारा किए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश में प्रस्तावित बुनियादी विकास कार्यों के लिए ऋषिकेश के पुराने रेल स्टेशन को बंद करने और सभी ट्रेनों का संचालन ऋषिकेश के नए योग नगरी रेलवे स्टेशन से किए जाने का अनुरोध किया। पुराने स्टेशन की भूमि पर जो रेल ट्रैक है, उसका उपयोग नई सड़क व्यवस्था के लिए किया जा सकेगा, जिससे यातायात में सुधार होगा। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में जल जीवन मिशन की प्रगति की जानकारी देते हुए जल जीवन मिशन में आवंटित केंद्रीय अंशदान की अवशेष धनराशि जल्द अवमुक्त किए जाने के लिए संबंधित को निर्देशित करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि प्रदेश में भूतापीय ऊर्जा के दोहन के लिए आइसलैंड एंबेसी के सहयोग से एक एमओयू प्रस्तावित है। इस एमओयू पर भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से आवश्यक अनापत्ति पत्र प्राप्त किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना के लिए सभी तकनीकी और वित्तीय सहयोग राज्य सरकार को प्रदान किए जाने का अनुरोध किया ताकि वर्ष 2070 तक कार्बन नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में उत्तराखंड अहम भूमिका निभा सके।

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