मुख्यमंत्री ने किया जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट पर नवनिर्मित टर्मिनल भवन फेज-2 का लोकार्पण
केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से जुड़े
486 करोड़ की लागत से दो चरणों में हुआ टर्मिनल भवन का निर्माण
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट पर नवनिर्मित टर्मिनल भवन फेज-2 का लोकार्पण किया। इस अवसर पर केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे। द्वितीय चरण में जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट के टर्मिनल का 14 हजार वर्ग मीटर विस्तार किया गया। अब एयटरपोर्ट के टर्मिनल का कुल विस्तार 42 हजार वर्ग मीटर में हो चुका है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट का टर्मिनल दो चरणों में 486 करोड़ की लागत से बना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारतीय नागरिक उड्डयन उद्योग अमेरिका और चीन के बाद घरेलू यातायात में तीसरे स्थान पर है, इसके लिए उन्होंने नागर विमानन मंत्री को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हवाई सेवाओं का तेजी से विस्तार हुआ है। पिछले कुछ वर्षों से हवाई यात्रा परिवहन का सस्ता, तेज एवं विश्वसनीय साधन होने के कारण लोगों में अत्यन्त लोकप्रिय बनी है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दीर्घकालिक सोच के कारण ही संभव हो पाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की ’’उड़े भारत का हर नागरिक’’ योजना के अन्तर्गत प्रदेश के विभिन्न सुदूरवर्ती क्षेत्रों में बेहतर हवाई सेवा प्रदान की जा रही है। वर्तमान में इस योजना के अंतर्गत 13 हेलीपोट्र्स का निर्माण सहस्त्रधारा, चिन्यालीसौड, गौचर, हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा, नई टिहरी, श्रीनगर, मसूरी, जोशीमठ, धारचूला, हरिद्वार में भी किया जा रहा है। उत्तराखंड धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण राज्य है। राज्य सरकार का प्रयास है कि श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को राज्य में आवागमन के लिए हर प्रकार की सुविधा मिले। इसमें हवाई सेवाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसी के साथ-साथ पंतनगर एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के रूप में विकसित करने के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा ओएलएस सर्वे भी कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अंदर हवाई सेवा को बढ़ाये जाने हेतु क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना के अतिरिक्त अन्य हेलीपोर्ट का भी निर्माण राज्य सरकार द्वारा गौजियाना (घनसाली), गैरसैण (चमोली), देघाट-सियालदे (अल्मोड़ा), जखोल एवं जोशीयाड़ा (उत्तरकाशी), डीडीहाट (पिथौरागढ़) में कराया जा रहा है। इसके साथ ही हमारे द्वारा प्रदेश के विभिन्न पर्यटक केंद्रों के दर्शन हेतु जॉय राइड सेवा तथा हिमालयन दर्शन सेवा भी प्रस्तावित है। इन सेवाओं के प्रारंभ होने से राज्य में पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। इस अवसर पर सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक बृज भूषण गैरोला, वर्चुअल माध्यम से सचिव नागर उड्डयन वुमलुनमंग वुअलनाम, अध्यक्ष एएआई संजीव कुमार उपस्थित थे।
उत्तराखण्ड में 21 हेलीपोर्ट बनाने का लक्ष्य : सिंधिया
देहरादून : केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ उन्हें केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री बनने के बाद सबसे पहले जौलीग्रांट एयरपोर्ट के टर्मिनल के प्रथम फेज के कार्यों का लोकार्पण करने का अवसर मिला था। आज देहरादून के इस एयरपोर्ट से देश के 13 शहरों के लिए हवाई सेवा चल रही है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय द्वारा पिथौरागढ़-हिंडन हवाई सेवा के लिए कार्यवाही शुरू की जा चुकी है। कहा कि इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के लिए हेलीकॉप्टर की देश में उत्तराखण्ड से शुरूआत की जा रही है। एम्स ऋषिकेश मंड इसके लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की जायेगी। 150 किलोमीटर के दायरे के अन्तर्गत हेलीकॉप्टर द्वारा मरीजों को लाने की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस एयरपोर्ट से उत्तराखण्ड के अन्य स्थानों को मुख्यमंत्री की सहायता से और तेजी से जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में तीन एयरपोर्ट देहरादून, पंतनगर और पिथौरागढ़ विकसित करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में 2014 में मात्र एक हेलीपोर्ट था। जो अब 10 हो चुके हैं, उड़ान 5.0 योजना तक राज्य में 21 हेलीपोर्ट बनाने का लक्ष्य रखा गया है।