चीन भारत को करेगा दुर्लभ खनिज समेत कई चीजों की आपूर्ति, किन-किन मुद्दों पर हुई चर्चा?

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नईदिल्ली, भारत और चीन के बीच संबंध सामान्य होने के संकेत मिल रहे हैं। भारत दौरे पर आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर को आश्वासन दिया है कि चीन उर्वरक, दुर्लभ खनिज और सुरंग खोदने वाली मशीनों (टीबीएम) की आपूर्ति बहाल करेगा। बता दें कि ये बेहद अहम संसाधन हैं, जिनकी कमी से भारत के कृषि, ऑटोमोबाइल और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र पर असर पड़ रहा था।
रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्री जयशंकर ने पिछले महीने अपनी चीन यात्रा के दौरान अपने समकक्ष यी के साथ यूरिया, एनपीके और डीएपी, दुर्लभ खनिज और टीबीएम की आपूर्ति का मुद्दा उठाया था। इसके बाद चीनी विदेश मंत्री की भारत यात्रा पर इन चीजों की आपूर्ति बहाल करने पर सहमति बनी है। बता दें कि बीते करीब एक साल से चीन ने इनके निर्यात रोक दिया था, जिससे भारत को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि बातचीत में आर्थिक और व्यापारिक मुद्दे, तीर्थयात्रा, लोगों से लोगों के बीच संपर्क, नदी डेटा साझाकरण, सीमा व्यापार, संपर्क और द्विपक्षीय आदान-प्रदान पर चर्चा होगी। चीनी विदेश मंत्री के साथ अपने भाषण में विदेश मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पड़ोसी देशों और दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के रूप में भारत-चीन संबंधों के विविध पहलू और आयाम हैं। हालांकि, दोनों के बीच सीमा मुद्दों पर चर्चा नहीं हुई।
विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष से कहा कि ताइवान पर भारत की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है और दुनिया की तरह भारत ने भी आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों के लिए राजनयिक उपस्थिति बनाए रखी है। वहीं, अमेरिकी टैरिफ को लेकर दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि अमेरिका की मौजूदा नीतियों के कारण उन्हें एक-दूसरे के करीब आने की जरूरत है और अनिश्चितता से निपटने के लिए दोनों पक्षों को बातचीत करनी होगी।
बैठक के बाद चीन ने कहा कि दुनिया सदी में एक बार होने वाले परिवर्तन से गुजर रही है। चीन ने अमेरिकी टैरिफ पर कहा कि एकतरफा धमकी अनियंत्रित होती जा रही है, जिससे मुक्त व्यापार और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था चुनौतियों का सामना कर रही है। चीन ने कहा, चीन-भारत को अपने विश्वास को मजबूत करना चाहिए, साथ मिलकर काम करना चाहिए, हस्तक्षेप खत्म करना चाहिए, सहयोग का विस्तार करना चाहिए और संबंधों में सुधार को और मजबूत करना चाहिए।
चीनी विदेश मंत्री वांग यी आज शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। वहीं, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी चीन के साथ विशेष प्रतिनिधि वार्ता में हिस्सा लेंगे। माना जा रहा है कि इस दौरान सीमा पर तनाव को कम करने और विवाद सुलझाने पर चर्चा होगी। इसी महीने के अंत में प्रधानमंत्री मोदी चीन के तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने जाएंगे।

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