नईदिल्ली, राज्यसभा में शुक्रवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान विपक्ष ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के कर्मियों को सदन में बुलाने का आरोप लगाया है। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस संबंध में उपसभापति हरिवंश को पत्र लिखकर आपत्ति जताई है। उन्होंने पत्र में लिखा कि सदस्य अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर विरोध कर रहे थे, तभी सुरक्षा कर्मियों को सदन के वेल में दौड़ाया गया।
खड़गे ने पत्र में लिखा, मैं सभी विपक्षी दलों की ओर से यह पत्र लिख रहा हूं। हम आश्चर्यचकित और स्तब्ध हैं कि किस तरह सीआईएसएफ कर्मियों को सदन के वेल में दौड़ाया गया, जबकि सदस्य अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर रहे थे। हमने कल और आज ये देखा। क्या हमारी संसद इस स्तर तक गिर गई है? यह बेहद आपत्तिजनक है और इसकी कड़ी निंदा करते हैं। उम्मीद है कि आगे सीआईएसएफ के जवान सदन में नहीं आएंगे।
संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि उन्हें राज्यसभा सचिवालय से पता चला है कि कुछ सांसद आक्रामक हो गए, जिसके चलते कुछ व्यवस्था की गई थी। उन्होंने कहा, सांसदों की मांग थी कि सुरक्षा बढ़ाई जाए, इसलिए सीआईएसएफ तैनात की गई। सदन के अंदर, कई बार सदस्य सत्ता पक्ष की मेज पर और वेल के पास शारीरिक रूप से खड़े हो गए। उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।