जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : कौड़िया स्थित फ्लश डोर फैक्ट्री की दुर्दशा पर नागरिक मंच ने रोष व्यक्त किया है। कहा कि सरकारी सिस्टम की अनदेखी के कारण फैक्ट्री बदहाली की स्थिति में पहुंच गई है। मंच ने धरना देते हुए जल्द व्यवस्था में सुधार की मांग उठाई। कहा कि इस तरह की लापरवाही किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बुधवार को मंच ने धरना दिया। पदाधिकारियों ने कहा कि फैक्ट्री जनप्रतिनिधियों के ढ़ीले रवैये के चलते स्थान खंडहर में तब्दील हो गया है। मंच अध्यक्ष सीपी नैथानी ने कहा कि यह भूमि पहले सेना की भूमि थी। इस भूमि को फैक्ट्री की स्थापना के लिए लीज पर लिया गया था। फैक्ट्री के बंद होने के बाद भूमि पर्यटन विभाग को हस्तांतरित की गई। तत्पश्चात विभाग ने एडीबी के सहयोग से यहां पर आधुनिक रिसोर्ट बनवाया, लेकिन रिसोर्ट बनने के बाद भी फैक्ट्री भवन का कुछ हिस्सा बचा है, जो खंडहर में तब्दील हो गया है। वहीं धरने में मौजूद फैक्ट्री के प्रबंधक रहे सूर्यनारायण पांडे ने कहा कि फैक्ट्री में बनने वाले दरवाजों की बाजार में मांग बहुत थी, लेकिन कमीशन देने की व्यवस्था न होने के कारण दरवाजों की बिक्री प्रभावित हुई, साथ ही शासन-प्रशासन के ध्यान न देने के कारण फैक्ट्री बंद हो गई। वक्ताओं ने कहा कि एक ओर जहां सरकारी कार्यालयों के निर्माण के लिए स्थान नहीं मिल पा रहा है, वहीं फैक्ट्री का बना बनाया भवन खंडहर बन गया। तय किया गया कि इस संबध में सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए क्षेत्रीय सामाजिक संगठनों के सहयोग से पहले सामूहिक धरना और बाद में क्रमिक धरना दिया जायेगा। धरने में मंच महासचिव अतुल भट्ट, हरीश भदूला, आरपी पंत, प्रवेश नवानी, गोविंद डंडरियाल, राकेश लखेड़ा, राजेंद्र सिंह नेगी, दिनेश जुयाल, देवव्रत काला, विजय माहेश्वरी और प्रमोद बंसल सहित मंच के अन्य सदस्यों ने प्रतिभाग किया।