देश-विदेश

प्रोटेम स्पीकर को लेकर पक्ष-विपक्ष में टकराव : इंडिया गठबंधन ने संविधान की प्रति लेकर विरोध प्रदर्शन किया,राहुल का वायनाड से इस्तीफा मंजूर

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नई दिल्ली  राहुल गांधी ने केरल की वायनाड लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। सोमवार को 18वीं लोकसभा का प्रथम सत्र प्रारंभ होने पर प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने यह जानकारी दी।इसके साथ ही 18वीं लोकसभा के शुरुआती सत्र में ही विपक्ष ने अपना विरोध जताया है। विपक्ष का यह विरोध प्रोटेम स्पीकर को लेकर है। लोकसभा के लिए भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब प्रोटेम स्पीकर बनाए गए हैं। कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने इस पर अपनी आपत्ति दर्ज की है।
इंडिया ब्लॉक का कहना है कि यह संसदीय परंपरा के खिलाफ लिया गया निर्णय है। कांग्रेस का कहना है कोडिकुन्निल सुरेश को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए था, उनकी वरिष्ठता नजरअंदाज की गई है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, संविधान को बचाने के लिए हमने जो कोशिश की थी उसमें जनता हमारे साथ है लेकिन मोदी जी ने संविधान को तोडऩे की कोशिश की। इसलिए आज हम यहां एकत्रित होकर विरोध कर रहे हैं। यहां पर गांधी जी की प्रतिमा थी और हम यहीं पर विरोध कर रहे हैं… हर लोकतांत्रिक नियमों को तोड़ा जा रहा है इसलिए हम बता रहे हैं कि मोदी जी आज संविधान के तहत चलिए।
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, हम इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि प्रावधान संविधान की धाराओं का उल्लंघन किया गया है। नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा संविधान का उल्लंघन किया गया है। जिस तरह से प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की गई है वह संवैधानिक प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है और पहले की परंपराओं का भी स्पष्ट उल्लंघन है।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब को 18वीं लोकसभा के लिए प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। इसपर कांग्रेस सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने भी आपत्ति दर्ज की। उन्होंने कहा कि केंद्र की एनडीए सरकार द्वारा यह लोकसभा की परंपरा का उल्लंघन है। लोकसभा में यह परंपरा रही है कि जो सांसद सबसे अधिक बार निर्वाचित होता है, वही प्रोटेम स्पीकर बनता है।
के. सुरेश ने कहा कि भर्तृहरि महताब 7वीं बार सांसद चुनकर आए हैं, जबकि वह 8वीं बार सांसद चुने गए हैं। कांग्रेस ने भी इस पर अपनी आपत्ति दर्ज की है और इसे संसदीय परंपरा के खिलाफ लिया गया निर्णय कहा।
इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल कह चुके हैं कि यह संसदीय मानदंडों को नष्ट करने का एक और प्रयास है, जिसमें भर्तृहरि महताब (सात बार के सांसद) को कोडिकुन्निल सुरेश की जगह प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है।
उन्होंने कहा कि कोडिकुन्निल सुरेश अपने आठवें कार्यकाल में प्रवेश करेंगे। यह एक निर्विवाद मानदंड है कि अध्यक्ष के विधिवत चुनाव से पहले सबसे वरिष्ठ सांसद सदन की कार्यवाही की अध्यक्षता करता है। के. सुरेश समेत लोकसभा के कई अन्य सदस्यों को प्रोटेम स्पीकर की मदद के लिए नियुक्त किया गया है। यह सभी सदस्य लोकसभा सांसदों को शपथ दिलाने में सहयोग करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!