वैदिक मंत्रों के बीच बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट
रूद्रप्रयाग। पवित्र भैया दूज के पर्व के मौके पर भगवान केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए। वैदिक मंत्रोचार और विधि विधान के साथ सुबह 8 बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। बड़ी संख्या में भक्तों के साथ भगवान की डोली ने धाम से ओंकारेश्वर ऊखीमठ को प्रस्थान किया। डोली रात्रि विश्राम के लिए रामपुर पहुंची। ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ के कपाट बंद होने के मौके पर सेना के बैंड की मधुर धुनों के बीच माहौल भक्तिमय बना रहा। सुबह 6 बजे से मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने भगवान की समाधि पूजा की।
करीब दो घंटे की पूजा के बाद मंदिर के गर्भ गृह को बंद किया गया। ठीक 8 बजे मंदिर का मुख्य द्वार बंद किया गया। मंदिर के कपाट बंद होने के बाद बड़ी संख्या में भक्तों के साथ भगवान की पंचमुखी चल विग्रह मूर्ति को ओंकारेश्वर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कराया गया। बम बम भोले के जयघोषों के साथ भक्तों द्वारा विभिन्न स्थानों से होते हुए देर सांय डोली को रामपुर पहुंचाया गया। यहां रात्रि विश्राम के बाद रविवार को डोली गुप्तकाशी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में रात्रि विश्राम को पहुंचेगी। जबकि सोमवार को डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ मंदिर में विराजमान होगी। यहां भगवान की छह महीने शीतकालीन पूजा अर्चना की जाएगी।