सीएम ने दिए उत्तराखंड के उत्पादों के लिए एक अंब्रेला ब्रांड बनाए जाने के निर्देश
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के उत्पादों के लिए एक अंब्रेला ब्रांड बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी ग्रोथ सेंटर, बिक्री और मुनाफे का लक्ष्य निर्धारित कर काम करें। जिलाधिकारी ग्रोथ सेंटरों में स्वयं जाकर वहां आने वाली समस्याओं का निस्तारण करें। इनके उत्पादों की ऑनलाईन मार्केटिंग की व्यवस्था की जाए। स्थानीय बाजारों पर भी फोकस किया जाए। मुख्यमंत्री सचिवालय में ग्रोथ सेंटरों की समीक्षा कर रहे थे।
ग्रोथ सेंटरों से जुड़े लोगों का स्किल डेवलपमेंट हो: थानो और कोटाबाग के एलईडी ग्रोथ सेंटरों को क्वालिटी डिजायनर उपलब्घ कराए जाएं। हरिद्वार का प्रसाद निर्माण से जुड़ा सेंटर आगामी कुम्भ को देखते हुए अपनी तैयारियां करे। सभी ग्रोथ सेंटरों से जुड़े लोगों के स्किल डेवलपमेंट की भी व्यवस्था की जाए।
नियमित बिक्री की व्यवस्था हो: मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेंटरों के उत्पादों की सीजनल ही नहीं, बल्कि नियमित बिक्री सुनिश्चित की जाए। आसपास के कुछ ग्रोथ सेंटरों को मिलाकर एक पिकअप वाहन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा सकती है। इससे यातायात लागत कम होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेंटरों से जुड़े लोगों विशेषतौर पर महिलाओं के आत्मविश्वास में वृद्धि हुई है। इस आत्मविश्वास को और बढ़ाना है। जिलाधिकारी ग्रोथ सेंटरों में खुद जाकर वहां आने वाली समस्याओं का निस्तारण करें। ग्रोथ सेंटर आत्मनिर्भर भारत और वोकल फोर लोकल का अ‘छा उदाहरण हैं।
उत्तराखंड के उत्पादों के लिए एक अम्ब्रेला ब्रांड बने: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के उत्पादों के लिए एक अंब्रेला ब्रांड बनाया जाए। इसके अंतर्गत अन्य ब्रांड भी चलते रहेंगे। इसके लिए दक्ष विशेषज्ञों की सहायता ली जाए। इसके लिए उत्तराखंड के उत्पादों की विशेषता, संभावित मार्केट आदि का पूरा अध्ययन किया जाए। ब्रांड का नाम इस प्रकार हो, जिसमें उत्तराखंड की फीलिंग आए। उद्योग विभाग इसे क्रियान्वित करेगा।
ग्रोथ सेंटरों ने मुख्यमंत्री को दिया फीडबैक: मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से विभिन्न ग्रोथ सेंटरों के संचालक स्वयं सहायता समूहों से बात की और उनसे फीडबैक लिया। बताया गया कि ग्रोथ सेंटर शुरू होने से उनसे जुड़े ग्रामीणों और महिलाओं की आय में बढ़ोतरी हुई है। धीरे-धीरे उत्पादों को बाजार भी मिलता जा रहा है। स्थानीय लोग ग्रोथ सेंटरों से जुड़ने के लिए आगे आ रहे हैं। लोहाघाट के स्वयं सहायता समूह द्वारा बताया गया कि मशीनें मिलने के बाद लोहे की कढ़ाई के निर्माण में काफी वृद्धि हुई है। इससे उनकी आय भी बढ़ी है। चमोली के उर्गम के स्वयं सहायता समूह ने बताया कि बदरी गाय के दूध और घी की अ‘छी कीमत मिल रही है। दर्जनों ग्रोथ सेंटरों से जुड़े लोगों ने मुख्यमंत्री को ग्रोथ सेंटर योजना के लिए आभार व्यक्त करते हुए ग्रोथ सेंटरों की कार्यविधि की जानकारी दी।
अभी तक 104 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत, 72 क्रियाशील: अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि अभी तक कुल 104 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 72 क्रियाशील हो चुके हैं। अन्य भी जल्द ही शुरू हो जाएंगे। इन ग्रोथ सेंटरों से लगभग 30 हजार लोग लाभान्वित हो रहे हैं। स्वीकृत किए गए ग्रोथ सेंटरों में एग्री बिजनेस आधारित 38, बेकरी आधारित 04, डेयरी और दुग्ध उत्पाद आधारित 05, मत्स्य 11, ऑर्गेनिक ऊन 10, प्रसाद 05, मसाला 04, फल प्रसंस्करण 05, शहद और मौन पालन 04, एलईडी 02, शिल्प आधारित 05, आइटी 02, पर्यटन 02, हथकरघा और क्विल्ट आधारित 02, पशुआहार 01 और एरोमा आधारित 04 ग्रोथ सेंटर हैं। बताया गया कि सितंबर 2020 तक क्रियाशील ग्रोथ सेंटरों की कुल बिक्री धनराशि 6 करोड़ 09 लाख रूपए रही जबकि लाभ की राशि 60 लाख रूपए से अधिक रही। ग्रोथ सेंटरों के टर्नओवर और मुनाफे में लगातार वृद्धि हो रही है। ग्रोथ सेंटरों की ऑनलाईन मार्केटिंग के लिए वेबसाईट बनाई जा रही है। इनका थर्ड पार्टी मूल्यांकन भी कराया जाएगा।
ये रहे मौजूद
बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, ग्राम्य विकास और पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डा.एसएस नेगी, मुख्यमंत्री के सलाहकार आलोक भट्ट, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आनंदवर्द्धन, सचिव आरके सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, राधिका झा, हरबंस सिंह चुघ, डॉ. रणजीत सिन्हा, एसए मुरुगेशन, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल सहित अन्य अधिकारी, जबकि जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी वीडियो कान्फ्रेंसिंग से उपस्थित थे।