यमकेश्वर विधानसभा में सीएम राहत कोष और विधायक निधि की हो रही बंदर बांट: शैलेंद्र
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत ने आरोप लगाते हुए कहा कि यमकेश्वर विधानसभा में मुख्यमंत्री राहत कोष और विधायक निधि की बंदर बांट हो रही है। विधायक अपने चहेतों को फायदा पहुंचा रही है। आलम यह है कि मुख्यमंत्री राहत कोष से पात्र को 3-4 हजार की सहायता दी गई है, जबकि अपात्रों को 35 हजार रूपये की सहायता दी गई है। विधायक जवाब दे कि कैसे यमकेश्वर में भाजपा पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और विधायक के पीआरओ को मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता दी गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा 20 साल से यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र की जनता को गुमराह कर रही है।
लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाऊस में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत ने कहा कि भाजपा सरकार ने कार्यकर्ताओं के लिए योजनाएं बनाई है। आम जनता को तो योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। यमकेश्वर विधायक अपने चहेतों को मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक सहायता दिला रही है। जबकि मुख्यमंत्री राहत कोष से निर्धन, असहाय, गरीब लोगों को आर्थिक सहायता दी जाती है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विधायक निधि भी भाजपा पदाधिकारियों को बांटी जा रही है। पूर्व विधायक ने कहा कि कोरोना काल में भाजपा कार्यकर्ता राशन किट बांट रहे है और इसी के आधार पर जनता से वोट मांग रहे है। यमकेश्वर विधायक ने पिछले साढ़े चार साल के कार्यकाल में क्षेत्र के लिए एक भी विकास योजना नहीं बनाई है। जिस कारण विधानसभा क्षेत्र विकास में पिछड़ता जा रहा है। यमकेश्वर विधानसभा विकास से कोसो दूर है। क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव बना हुआ है। आलम यह है कि क्षेत्र में लोग श्रमदान से पेयजल योजनाएं बनाई जा रही है। ऐसे में विधायक निधि कहां खर्च हो रही है किसी को पता नहीं है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में क्षेत्र में एक भी नई सड़क नहीं बनी है। सीमथाली में 12 वर्ष और सीला में 8 साल पूर्व पुल स्वीकृत हुआ था, लेकिन अभी तक पुल बन नहीं पाये है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष डॉ. चंद्रमोहन खरक्वाल, नगर अध्यक्ष संजय मित्तल, महिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कृष्णा बहुगुणा, हुकुम सिंह, दिनेश चौधरी, नत्थी सिंह, दिनेश रावत, सौकार सिंह, वीरेंद्र नेगी, बृजमोहन बिष्ट आदि मौजूद थे।
यमकेश्वर में व्यवसायिक शिक्षा से वंचित युवा
कोटद्वार। पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यमकेश्वर विधानसभा में व्यवसायिक शिक्षा न होने से युवा व्यवसायिक शिक्षा नहीं ले पा रहे है। करोड़ो की लागत से यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के द्वारी और गैंडखाल में आईटीआई के लिए भवन बनाये गये है, लेकिन अभी तक आईटीआई शुरू नहीं हो पाये है। आईटीआई का लाभ स्थानीय युवाओं को नहीं मिल पा रहा है। थलनदी पॉलिटेक्निक में ट्रेड ही नहीं है। ऐसे में युवा व्यवसायिक शिक्षा से वंचित है। उन्होंने कहा कि सरकार को द्वारी और गैंडखाल में जल्द से जल्द आईटीआई कक्षाओं का संचालन शुरू करना चाहिए और पॉलिटेक्निक थलनदी में टे्रड बढ़ाने चाहिए। ताकि क्षेत्र के युवा व्यवसायिक शिक्षा ले सके।
कोरोना काल में उपचार के लिए भटके लोग
कोटद्वार। पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल होने की वजह से कोरोना काल में ग्रामीण उपचार के लिए दर-दर भटकने को मजबूर थे। जनता को उपचार के लिए स्वर्गाश्रम, एम्स ऋषिकेश और कोटद्वार बेस अस्पताल की ओर रूख करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक के पति स्वास्थ्य सचिव भारत सरकार है। यदि उन्हें जनता की पीड़ा होती तो क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होती। पूर्व विधायक ने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य केंद्रों में उपकरण तो पहुंचा दिये, लेकिन आपरेटरों की नियुक्ति नहीं की। ऐसे में लाखों की मशीनें धूल फांक रही है। उन्होंने कहा कि स्थानीय विधायक अगर प्रयास करती तो द्वारीखाल में मेडिकल कॉलेज खुल सकता था। क्योंकि उनके पति स्वास्थ्य सचिव भात सरकार है और केंद्र एवं राज्य में भाजपा की ही सरकार है। लेकिन डबल इंजन की सरकार में भी यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र पिछड़ा हुआ है।
प्रवासियों को नहीं मिला मनरेगा का लाभ
कोटद्वार। पूर्व विधायक शैलेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र में प्रवासियों को मनरेगा का लाभ नहीं मिला है। सरकार दावा कर रही है कि मनरेगा के तहत प्रवासियों को 150 दिन का रोजगार दिया जा रहा है, लेकिन धरातल पर स्थिति इसके विपरीत है। श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ भी यमकेश्वर क्षेत्र की जनता को नहीं मिल रहा है। स्थानीय विधायक ने श्रम विभाग की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए विधानसभा क्षेत्र में शिविर तक नहीं लगाया। ऐसी ही स्थिति कृषि, उद्यानीकरण, पशुपालन की भी बनी हुई है।