कंपनी के बाहर धरने पर बैठे ट्रांसपोर्टर
हरिद्वार। सिडकुल की एक कंपनी पर एक ट्रांसपोर्टर का लाखों रुपये नहीं देने पर ट्रांसपोर्टरों ने कंपनी के बाहर हंगामा किया। ट्रांसपोर्टर धरने पर बैठ गए। लगभग पांच घंटे चले हंगामे के बाद सिडकुल पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझ गया। कंपनी की तरफ से लगभग 12 लाख रुपये का चेक ट्रांसपोर्टर को दिया गया। तब कहीं जाकर ट्रांसपोर्टर धरना स्थल से उठे। गुरुवार को ऑल ओवर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारी और अन्य ट्रांसपोर्टर सिडकुल की एक कंपनी के बाहर धरने पर बैठ गए। ट्रांसपोर्टर प्रमोद शर्मा का आरोप है कि 12.31 लाख रुपये पिछले तीन माह से कंपनी ने रोके हुए हैं। ट्रांसपोर्टर का कहना है कि सिडकुल की कंपनी से 22 गाड़ियां आर्मी का सामान लेकर लेह लदाख गई थीं। उस वक्त कंपनी ने डिलीवरी को पूरा सामान सुरक्षित बताया था। लेकिन 15 दिन बाद उसी सामान में टूट-फूट बताकर अमाउंट पर रोक लगा दी। आरोप लगाया की जब भी कंपनी में पैसे मांगने जाते तो उसके साथ अभद्र व्यवहार किया जाता। ऑल ओवर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर राव अखलाक ने बताया कि कंपनी ने 11.80 लाख रुपए का चेक दे दिया है। उधर कंपनी के अकाउंट मैनेजर तेजपाल सिंह ने बताया कि कंपनी ने उनका चेक पहले ही काट कर रख दिया था। कुछ सामान में खराबी आने के कारण 51 हजार रुपए रोक दिए है। आगामी कुछ समय में कंपनी मैनेजमेंट से वार्ता कर वह भी दे दिए जाएंगे।
थाना प्रभारी लखपत सिंह बुटोला ने बताया कि कंपनी के बाहर ट्रांसपोर्ट धरने पर बैठे थे। कंपनी प्रबंधन और ट्रांसपोर्टरों में सहमति के बाद मामला सुलझ गया है।इस दौरान शाहजेब खान, बिरजू सिंह, मुस्तकीम, अकरम हुसैन, शमसीद अली, विकास कुमार, जसविंदर सिंह, टोनी सिंह, जुबेर अहमद, उज्ज्वल सिंह, भावेश दुबे, सुशील गर्ग, जितेन्द्र, सुरेंद्र भारद्वाज, मजीद राणा, आदि ट्रांसपोर्टर उपस्थित रहे।