अल्मोड़ा परिसर में आयोजित प्रातिक चिकित्सा पर सात दिवसीय कार्यशाला का समापन
अल्मोड़ा। योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के अंतर्गत संचालित योग एवं प्रातिक चिकित्सा केंद्र द्वारा प्रातिक चिकित्सा एवं चिकित्सकीय उपचार विषय पर सात दिवसीय कार्यशाला का समापन हो गया है। कार्यशाला के समापन सत्र में मुख्य अतिथि ड मदन चड्डा, विशिष्ट अतिथि ड ललित जोशी, ड मुरली कापड़ी एवं कार्यक्रम अध्यक्ष ड नवीन भट्ट ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर किया। इसके पश्चात योग विज्ञान विभाग की छात्राओं के द्वारा वंदना एवं स्वागत गीत के द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया। योग विज्ञान विभाग के प्रशिक्षक एवं कार्यशाला के संयोजक ड गिरीश अधिकारी ने सात दिवसीय कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि योग विज्ञान विभाग के प्रातिक चिकित्सा केंद्र द्वारा सात दिवसीय कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। योग विज्ञान विभाग के प्रशिक्षक एवं कार्यशाला के संयोजक ड गिरीश अधिकारी को योग एवं प्रातिक चिकित्सा के क्षेत्र में उत्ष्ट कार्य हेतु योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष ड नवीन भट्ट एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ड मदन चड्डा एवं विशिष्ट अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि ड मुरलीधर कापड़ी (सहायक प्राध्यापक, योग विभाग, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रामनगर) ने कहा कि प्रातिक चिकित्सा विश्व की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्घति है और इसके प्रयोग विभिन्न रोगों का उपचार संभव है। विशिष्ट अतिथि ड ललित जोशी(निदेशक, स्टे यंग, योग एवं थेरेपी सेंटर) ने कहा कि प्रातिक चिकित्सा में मह-तत्व का विशिष्ट स्थान है। ईश्वर या परमशक्ति पर आस्था एवं विश्वास के द्वारा ही कई मनोव्यधियों का निराकरण हो सकता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ड मदन चड्डा(योग विभाग, राजकीय महाविद्यालय टनकपुर) ने कहा कि योग प्रातिक चिकित्सा द्वारा रोग निराकरण के साथ ही स्वरोजगार को भी बढ़ावा देता है। कार्यशाला में प्रतिभाग कर रही कोमल कांडपाल ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा प्रातिक चिकित्सा द्वारा विभिन्न प्रकार के रोगों का उपचार करना सीखा साथ ही यह हमें प्रति से जोड़ने के साथ ही चिकित्सा लेने की आनन्द प्रदान करने वाली चिकित्सा है। कार्यक्रम अध्यक्ष ड नवीन भट्ट ने कहा कि योग विज्ञान विभाग, सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के छात्र-छत्राएँ आज देश-विदेश में योग का परचम लहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा योग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार देने के लिए पहल की जा रही है। यह उत्तराखंड के यशस्वी मुख्यमंत्री पुष्कर धामी जी की दूरदर्शिता का परिणाम है। उन्होंने कार्यशाला के सुंदर आयोजन हेतु विभाग के समस्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों को बधाई दी। कार्यक्रम का संचालन योग विज्ञान विभाग के शिक्षक रजनीश जोशी ने किया। इस अवसर पर योग विज्ञान विभाग के शिक्षक लल्लन कुमार सिंह, विद्या नेगी के साथ ही हेमलता अवस्थी, पूजा पपने, नितिन पांडे, सोनिया बिष्ट, श्वेता पंत, निशा बिष्ट, सौरभ लटवाल, चंदा नेगी, अंजलि किरण आदि लोग उपस्थित रहे।