दस दिवसीय प्रशिक्षण का समापन

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बागेश्वर। महिलाओं को डेयरी फार्मिंग एवं वर्मी कंपोस्ट प्रशिक्षण का समापन हो गया है। 10 दिवसीय प्रशिक्षण भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान ने दिया। पहाड़ में दुग्ध उत्पादन को आजीविका का मुख्य स्रोत बनाने का लक्ष्य है। भनार में आयोजित शिविर में परियोजना निदेशक शिल्पी पंत ने कहा कि पहाड़ में दुग्ध व्यवसाय महिलाओं के आजीविका संवर्द्धन में महत्वपूर्ण सिद्घ हो सकता है। अच्टे नश्ल के दुधारू पशुओं का पालन करें। वर्मी कंपोस्ट बनाकर वह जैविक खेती भी कर सकते हैं। महिलाओं को यह प्रशिक्षण तभी दिया गया है। आरसेटी के निदेशक दिनेश कुमार ने प्रशिक्षण के दौरान सीखे पशुपालन के तरीकों को अपनाने तथा बैंकों में चल रही सरकार समर्थिताण योजनाओं का लाभ लेने को कहा। अपना स्वरोजगार स्थापित करें तथा आत्मनिर्भर बनें। प्रशिक्षक प्रकाश पांडे ने महिलाओं को उद्यमशील व्यक्ति की सक्षमताएं, व्यवसायिक कार्ययोजना, प्रभावशाली संवाद, समय प्रबंधन सीखाया। डेयरी प्रशिक्षक भास्करानंद ने डेयरी व्यवसाय तथा वर्मी कंपोस्ट बनाने की विधि बताई। शिविर में शैलेंद्र तथा शिवपाल सिंह ने अंतिम आंकलन किया।

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