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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विधायकों को भी लगा बड़ा झटका! ऐसे होने की बिल्कुल उम्मीद नहीं थी

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नई दिल्ली, एजेंसी। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने नवरात्र के पहले दिन जैसे ही टिकट घोषित किए तो राज्य की सियासत में हलचल मच गई। उम्मीद के मुताबिक कांग्रेस ने टिकट वितरण में कुछ ऐसा किया जो यहां की सियासत में पार्टी की ओर से पहली बार कहा जा रहा है। दरअसल, जिन तीस सीटों पर कांग्रेस ने टिकट घोषित किया उनमें से अगर मंत्रिमंडल के लोगों को निकाल दिया जाए तो आधे से ज्यादा विधायकों के टिकट ही पार्टी ने काट दिए।
सियासी जानकार राज्य में पहले चरण के दौरान घोषित किए गए टिकट और काटे के विधायकों की लिस्ट को कांग्रेस का बड़ा पॉलिटिकल शॉट मान रहे हैं। वहीं कांग्रेस पार्टी भी अपनी इस नई सियासी रणनीति को आने वाले विधानसभा के चुनाव में बड़ा गेम चेंजर मानकर चल रही है।
दरअसल, कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में सत्ता की वापसी के लिए इस बार कुछ मजबूत और पुख्ता सियासी फील्डिंग सजाने की कोशिश की है। सियासी जानकारों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में ऐसा पहली बार हुआ है कि कांग्रेस ने अपनी पहली ही सूची में विधायकों के बड़े पैमाने पर टिकट काटने शुरू कर दिए हों।
राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार देवेंद्र पांडे कहते हैं कि वैसे तो पहले चरण में 20 विधानसभा सीटों पर ही चुनाव होने हैं। लेकिन जिन 30 सीटों पर कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं उनमें एक सीट अगर भाजपा के रमन सिंह की छोड़ दी जाए तो 29 प्रत्याशी कांग्रेस के हैं। इन 29 में 15 प्रत्याशी तो मुख्यमंत्री से लेकर कैबिनेट मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की सीटें हैं। जिनको की पार्टी ने पहले चरण की पार्टी गई सीटों में प्रत्याशी घोषित कर दिया। बची हुई 14 सीटों में 8 विधायकों का कांग्रेस ने टिकट काट दिया है। यानी तकरीबन 60 फीसदी टिकट मंत्रिमंडल के बाहर रहने वाले विधायकों के कांग्रेस ने काट दिए। वह कहते हैं कि ऐसा पहली बार हुआ है कि राज्य में इतने बड़े स्तर पर कांग्रेस ने टिकटों का सफाया किया हो।
सियासी जानकारो का कहना है कि पार्टी इस बार सत्ता में वापसी के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं रखना चाहती है। यही वजह है कि पार्टी में अपनी पहली लिस्ट में पांच नए चेहरों को भी जगह देकर सियासत में एक संदेश दिया है। इसके अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्र जगदलपुर की विधानसभा सीट पर भी पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि कुछ सियासी कारणों के चलते इस सीट को होल्ड पर रखा गया है। लेकिन जल्द ही बीच का रास्ता निकालने के साथी यहां पर प्रत्याशी घोषित कर दिया जाएगा। राजनीतिक विश्लेषक चंद्रकांत कहते हैं कि कांग्रेस इस बार सत्ता में वापसी के लिए बहुत सधी हुई सियासी चाल चल रही है। इसमें चाहे प्रत्याशियों के चयन का मामला हो या फिर सियासी रूप से तैयार की जाने वाली रणनीति का। पार्टी आलाकमान और प्रदेश कार्यकारिणी समिति इसमें कोई भी रिस्क नहीं उठाना चाहती है। इसी वजह से प्रत्याशियों के चयन में खूब मंथन के बाद ही टिकटों की घोषणा की गई है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस की ओर से घोषित की गई पहले विधानसभा का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की सूची में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पाटन, उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को अंबिकापुर, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत को सक्ती और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को चित्रकोट से प्रत्याशी बनाया गया है।
जिन विधायकों का टिकट कटा है उसमें बस्तर के कांकेर विधायक शिशुपाल सोरी, अंतागढ़ विधायक अनूप नाग, दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम शामिल हैं। इसके अलावा पंडरिया विधायक ममता चंद्राकर, खुज्जी विधायक छन्नी साहू, नवागढ़ विधायक गुरुदयाल बंजारे और डोंगरगढ़ विधायक भुवनेश्वर बघेल की भी टिकट काटा गया है।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद कहते हैं कि अभी पहली सूची रविवार को जारी हुई है। जल्द ही दूसरी सूची भी छत्तीसगढ़ की आ जाएगी। आठ विधायकों का टिकट काटने पर वह कहते हैं पहली सूची के साथ ही यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस ने सोच समझकर जीतने वाले प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा है। उनका कहना है कि पार्टी ने बहुत मंथन और जमीनी तौर पर हर तरह से आंकलन करने के बाद ही न सिर्फ प्रत्याशियों का चयन किया है बल्कि राज्य में सरकार बनाने की दिशा में कदम बढ़ाना शुरू किया है। सुशील आनंद कहते हैं कि इस बार कांग्रेस के 75 सीटों से ज्यादा विधायक जीतने जा रहे हैं।

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