कांग्रेस ने निकाय चुनाव में अव्यवस्था पर उठाए सवाल

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देहरादून। प्रदेश कांग्रेस ने निकाय चुनाव में अव्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने कहा कि इस चुनाव में एक तरफ जहां भाजपा सरकार ने लोकतंत्र का गला घोंटा है, वहीं राज्य निर्वाचन आयोग भी अपनी जिम्मेदारी पर खरा नहीं उतर पाया है। चुनाव में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का भी आरोप लगाया गया है। कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने कहा कि मतदान करना एक नागरिक का मौलिक अधिकार है, चुनावी प्रक्रिया में जनता का विश्वास सर्वोपरि है। चुनावी प्रणाली में पारदर्शिता और राजनीतिक सुचिता सुनिश्चित करना सरकार और निर्वाचन आयोग की जिम्मेदारी है। लेकिन दोनों ही अपनी इस जिम्मेदारी पर खरे नहीं उतरे हैं।दसौनी ने कहा की शहरी निकायों के चुनाव में मतदान के दिन पूरे प्रदेशभर में जिस तरह की अव्यवस्थाएं देखने को मिलीं, उससे आमजन का विश्वास चुनावी प्रणाली से पूरी तरह से उठ गया। रुड़की में लाठीचार्ज का मामला सामने आया, गोपेश्वर से सूचना मिली कि जिला स्तर के अधिकारी जिनके ऊपर चुनाव कराने की जिम्मेदारी थी, उनका स्वयं का नाम सूची से गायब था। हद तो तब हो गई जब लोग अपने नाम मतदाता आयोग की वेबसाइट में देखकर वोट डालने पहुंचे तो उन्हें वोटर लिस्ट में उस क्रमांक पर अपना नाम नहीं मिला।
दसौनी ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दो महत्वपूर्ण व्यक्ति मतदान से वंचित रह गए। जागर सम्राट प्रीतम भर्तवाण और प्रदेश के कई विख्यात और नामी लोगों के नाम भी मतदाता सूची से गायब मिले। गरिमा ने कहा कि प्रचंड बहुमत और ट्रिपल इंजन की सरकार में पहली बार ऐसा हुआ है की मतदाता सूची से इतनी बड़ी संख्या में और व्यापक स्तर पर मोहल्ले के मोहल्ले और गली की गली गायब कर दी गई।

 

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