कांग्रेस ने 16वें वित्त से मांगा विशेष पैकेज और ग्रीन बोनस

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देहरादून। 16वें वित्त आयोग की टीम के उत्तराखंड भ्रमण के दौरान प्रदेश कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में प्रतिभाग करते हुए पार्टी की ओर से कई अहम सुझाव प्रस्तुत किए। इनमें उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा और ग्रीन बोनस की मांग एक बार फिर से पुरजोर ढंग से उठाई गई। इसके अलावा उत्तराखंड की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए संवेदनशीलता गुणांक (कॉस्ट डिसेबिलीटी) निर्धारित करने, अलग से आपदा प्रबंधन मंत्रालय गठित करने, क्षेत्रफल व जनसंख्या में असंतुलन को ठीक करने के लिए कदम उठाने जैसे मुद्दों पर सुझाव दिए गए। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकान्त धस्माना के नेतृत्व में मिले प्रतिनिधिमंडल ने 16वें वित्त आयोग की टीम को सुझाव पत्र सौंपा। जिसमें कहा गया है कि राज्य के गठन की मांग के पीछे सबसे अहम कारण था कि दशकों से पिछले इस सीमावर्ती क्षेत्र का सतत विकास हो सके। लेकिन 25 वर्षों बाद भी तस्वीर बहुत ज्यादा नहीं बदली है। राज्य निर्माण के पहले वर्ष के बजट के आकार से आज राज्य का बजट चौबीस गुना बढ़कर लगभग एक लाख एक हजार 175 करोड़ बेशक हो गया, लेकिन बावजूद इसके राज्य की मूल समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया। राज्य में पलायन की गति इन 25 वर्षों में कम होने की बजाय बढ़ गई। गोस्ट विलेज लगातार बढ़ रहे हैं, कृषि भूमि घट रही है और पेयजल की समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं। अनेक बार राज्य की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों, देश की सुरक्षा सामरिक दृष्टि से, पर्यावरणीय दृष्टि से व एशिया का सबसे बड़ा वाटर बैंक होने की वजह से उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा, राज्य को ग्रीन बोनस दिए जाने की मांग सभी राजनीतिक दल करते आए हैं। पिछले वित्त आयोग के समक्ष भी कांग्रेस ने यह मांग पुरजोर तरीके से रखी थी। 15वें वित्त आयोग ने उससे सहमति भी व्यक्त की थी, लेकिन उत्तराखंड को अपेक्षा के अनुरूप सहायता नहीं मिली। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश प्रवक्ता गिरिराज किशोर हिंदवान आदि शामिल थे।

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