देहरादून। केदारनाथ के पास जंगलों में बीते 15 जून को हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था। इस हादसे में पायलट समेत सात लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में विपक्षी दल हो, या फिर बदरी केदार मंदिर समिति, सभी ने हेलीकॉप्टर कंपनियों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने तो हेलीकॉप्टर हादसे पर सरकार को भी जमकर घेरा है.
बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी का कहना है कि सेफ्टी और सिक्योरिटी पर कोई भी समझौता नहीं होना चाहिए। कई बार देखने में आता है कि हेली कंपनियों के साथ कुछ तीर्थयात्री भी सुरक्षा को लेकर चूक करते हैं, जो सही नहीं है। इस बारे में सबको जागरूक होने की जरूरत है। कहीं न कहीं सुरक्षा के साथ हेली कंपनियां समझौता करती हैं, जिसका खामियाजा हादसे के रूप में भुगतना पड़ता है। हालांकि सरकार ने अब इस दिशा में पहले से ज्यादा काम किया है।
बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हेली सेवाओं को लेकर एक कमेटी बनाई है। बीते दिनों जो हेलीकॉप्टर हादसा हुआ है, उसकी भी जांच रिपोर्ट आ जाएगी। सुरक्षा मानकों को बहुत सख्त बनाने की जरूरत है।
वहीं विपक्ष ने सरकार के दावों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि प्रदेश में जब भी कोई बड़ी घटना होती है, सरकार सख्त कदम उठाने की बात करती है, लेकिन आज तक तो सरकार का कोई सख्त कदम देखने को नहीं मिला।
कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया कि उन्होंने इतनी ज्यादा संख्या में केदारनाथ में हेली सर्विस के लाइसेंस क्यों दिए? ऐसा करके सरकार ने किस नेता और व्यक्ति को फायदा पहुंचाया है। डीजीसीए ने दो पायलटों को केदारघाटी के लिए अनफिट बताया है। इससे पता चलता है कि कितनी बड़ी लापरवाही हो रही है। केदारनाथ में एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल) सिस्टम क्यों नहीं है। पर्यावरणविदों की चेतावनी को क्यों अनदेखा किया जा रहा है?