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इस्लामिक स्टेट बनाना चाहती है कांग्रेस, लागू हो जनसंख्या नियंत्रण कानून; आबादी वाली रिपोर्ट पर हंगामा

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नई दिल्ली। देश में हिंदुओं की घटती और मुस्लिमों की बढ़ती आबादी को लेकर प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट पर जमकर सियासी बयानबाजी हो रही है। बीजेपी के फायरब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने कहा है कि कांग्रेसियों ने देश को धर्मशाला बना दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि वे भारत को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते हैं। वहीं, बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस रिपोर्ट को देश की जनता को भ्रम में डालने वाला और नफरत फैलाने वाला करार दिया है।इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, ”कांग्रेस ने देश को धर्मशाला बना दिया है। वे भारत को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते हैं। भारत में 1947 में हिंदुओं की आबादी लगभग 90 प्रतिशत थी। आज हम सिर्फ 70 प्रतिशत पर आ गए। मुसलमानों की आबादी भारत में 20 प्रतिशत हो गई है, जो पहले सिर्फ आठ प्रतिशत थी। देश में बांग्लादेशी घुसपैठिए आए हैं। रोहिंग्या को वोटबैंक बना दिया गया है। इसलिए ये लोग मुसलमानों को आरक्षण देना चाहते हैं।”इस रिपोर्ट पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “जो जनगणना 2021-22 में होना था वे 2024 तक नहीं हुआ। ये केवल देश की जनता को भ्रम में डालना और लोगों में नफरत फैलाने की बात कह रहे हैं। पीएम और भाजपा का यही एजेंडा है, ये फिर से लोगों को ठगना चाहते हैं।”वहीं, भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने बताया कि वह इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद से आहत हो गए हैं। उन्होंने कहा, ”इस देश में तत्काल प्रभाव से जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करना चाहिए। जब-जब हिंदू घटा है तो देश बंटा है। 4 बीबी और 40 बच्चे इस देश नहीं चलेगा।”
क्या है रिपोर्ट
भारत में 1950 से 2015 तक 65 वर्षों के अंतराल में बहुसंख्यक हिंदुओं की आबादी में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इस अवधि में हिंदुओं की हिस्सेदारी में 6 फीसदी की गिरावट आ गई है। पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे दूसरे देशों की तुलना करें तो वहां बहुसंख्यक मुस्लिमों की आबादी में हिस्सेदारी तेजी से बढ़ी है। यह सच एक सरकारी अध्ययन में सामने आया है। इससे जुड़े आंकड़े प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की साइट पर उपलब्ध हैं।स्टडी के अनुसार, एक तरफ भारत में हिंदुओं की हिस्सेदारी घट गई है तो वहीं अल्पसंख्यक मुस्लिमों, ईसाई, बौद्ध और सिखों की आबादी में इजाफा हुआ। जैन और पारसियों की भी आबादी में हिस्सेदारी इस अवधि में घटी है। स्टडी के अनुसार इस अवधि में आबादी में मुस्लिमों की हिस्सेदारी 5 फीसदी बढ़ी है। इसके अलावा ईसाइयों की हिस्सेदारी में 5.38 , सिखों की 6.58 बढ़ी है। यही नहीं बौद्धों की हिस्सेदारी में इजाफा हुआ है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति ने अपनी रिपोर्ट में कुल 167 देशों का अध्ययन किया है।

 

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