जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : सर्वोच्च न्यायालय की ओर से वन क्षेत्र के मोटर मार्ग निर्माण को लेकर दिए गए फैसले का कांग्रेस ने स्वागत किया है। कहा कि इससे वन क्षेत्र होने के कारण दशकों से निर्माण के लिए लटकी सड़कों को हरी झंडी मिलेगी। कहा कि 16 नवंबर 2025 को सर्वोच्च न्यायालय के तीन जजों की बेंच ने ऐतिहासिक फैसले से वन क्षेत्रों से गुजरने वाले मोटर मार्गों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
गुरुवार को कांग्रेसियों ने झंडाचौक में एकत्रित होकर न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। अध्यक्ष मीना बछुवाण ने कहा कि वर्ष 2006 व 2012 में कांग्रेस कार्यकाल में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पर्यावरण एवं वन सरंक्षण कानूनों में सुधार करते हुए ऐतिहासिक निर्णय लिया था। जिसमें वन कानूनों के चलते राष्ट्रीय उद्यान, अभ्यारण्य, सरंक्षित वन क्षेत्र में सड़क मार्ग व यातायात सुविधाएं बाधित रहती थी। उसके बाद कुछ सामाजिक संगठनों व एनजीओ ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी गई, जिससे कई परियोजनाएं सर्वोच्च न्यायालय में लंबित हो गई। 17 नवंबर 2025 में सर्वोच्च न्यायालय के तीन जजों की बेंच ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के लिए गए फैसले पर ही अपना निर्णय सुनाते हुए वन मार्गों पर लगी रोक हटाने के आदेश दिए है। कहा कि अब प्रदेश सरकार को अपनी इच्छा शक्ति का परिचय देकर लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर निर्माण कार्य शुरू करवा देना चाहिए। इस मौके पर संजय मित्तल, पवीन रावत, गणेश नेगी, सुधा असवाल, विजय नारायण सिंह, धीरेंद्र बिष्ट, सुनील सेमवाल, बृजपाल सिंह, सूरज प्रसाद कांति, देवेंद्र सिंह नेगी, विजय माहेश्वरी, हेमचंद्र पंवार, राकेश शर्मा, अमित राज सिंह, मानशेर सैनी, उपेंद्र सिंह नेगी मौजूद रहे।