उत्तराखंड में तबादलों-पदोन्नति में नई तैनाती पर कन्नी काटी तो नपेंगे

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देहरादून। प्रदेश में तबादलों अथवा पदोन्नति पर मिलने वाली नई तैनाती से मुंह मोड़ना कार्मिकों को महंगा पड़ेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सख्त तेवर से ये संकेत साफतौर पर दे दिए हैं। मुख्यमंत्री पद पर ताजपोशी के बाद ही पुष्कर सिंह धामी नौकरशाही पर शिकंजा कर अपने मंसूबे साफ कर चुके हैं। महज एक माह के कार्यकाल में अब तक वह नौकरशाही के पत्ते कई दफा देंट चुके हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी संदेश दिया कि नई तैनाती पर नहीं जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। बीते माह दायित्व बदलने के बाद कुछ आइएएस अधिकारियों के ना-नुकुर करने पर मुख्यमंत्री ने तल्ख रुख अपनाया था। नतीजा ये हुआ कि बीते माह के आखिरी दिनों में तकरीबन सभी आइएएस ने नई तैनाती पर पदभार ग्रहण करना ही बेहतर समझा। आइएएस को भी मुख्यमंत्री आचरण नियमावली का पाठ पढ़ा चुके हैं।
इसी तरह लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को तबादला आदेश की नाफरमानी करने पर निलंबित होना पड़ा। चमोली जिले में तैनात लोक निर्माण विभाग की एडीबी विंग के आपदा खंड में कार्यरत रहे अधिशासी अभियंता दीपक सेठ थराली में नई तैनाती पर नहीं गए। मामले की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री के निर्देश पर उक्त अधिशासी अभियंता को निलंबित किया गया। इसीतरह ऊधमसिंह नगर जिले में नादेही चीनी मिल के प्रधान प्रबंधक रहे आरके सेठ को इस वजह से निलंबित करना पड़ा कि उन्होंने सरकार के आदेश के माने से इन्कार किया। साथ ही इच्छित स्थान पर तैनाती के लिए सियासी प्रभाव का इस्तेमाल किया। इस मामले में मुख्यमंत्री को सख्त रुख अपनाना पड़ा। परिणाम स्वरूप सेठ को निलंबित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री के इन तेवरों से कार्मिकों में खलबली है। दरअसल अभी तक मनमाफिक तैनाती नहीं मिलने पर कार्मिक तबादलों और पदोन्नति के बाद नई तैनाती पर जाने से कन्नी काटते रहे हैं। मुख्यमंत्री की ओर से सख्ती के बाद इन कार्मिकों को नई तैनाती स्थल पर जाना होगा।

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