‘पद के लिए बेचा जमीर’, नए संसद भवन के उद्घाटन में हरिवंश को देख भड़के जदयू प्रवक्ता
एजेंसी, पटना: नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह का शामिल होना जदयू को बुरी तरह खल रहा है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने हरिवंश को भटका हुआ बताया। साथ ही कहा कि उन्होंने नैतिकता और पत्रकारिता लेखनी भाजपा के सामने बेच दी। उन्होंने कहा कि अब पार्टी का नेतृत्व तय करेगा कि उन पर क्या कार्रवाई की जानी चाहिए। अब पार्टी की ओर से कहा गया कि ज्यादा नोटिस करने की जरूरत नहीं है।
नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में उपसभापति हरिवंश उन तीन लोगों में शामिल थे, जो मंच पर बैठे थे। मंच पर बैठने वालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और उपसभापति हरिवंश शामिल थे। उद्घाटन समारोह में हरिवंश ने सबसे पहले भाषण दिया और नए संसद भवन की खूबियों के बारे में बताते इसे ऐतिहासिक इमारत बताया। जदयू को यह बात बुरी तरह खल गई है। इसी का नतीजा है कि जदयू के नेता उन पर हमलावर नजर आ रहे हैं।
हरिवंश पर हमला बोलते हुए नीरज कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार ने उन्हें जदयू की ओर से दो-दो बार राज्यसभा भेजा, लेकिन उन्होंने अपनी नैतिकता बेच दी। नीरज ने कहा कि वे कहां थे और कहां पहुंच गए, ये सब नीतीश कुमार की देन है। उन्होंने ने ही हरिवंश को राज्यसभा भेजा और आपने पद के लिए बौद्धिकता, पत्रकारिता और यहां तक कि जमीर भी बेच दिया।
इसके जवाब में नीरज बताते हैं कि जब पार्टी और पार्टी नेतृत्व ने तय कर लिया कि आपके सभापति कार्यक्रम में नहीं जा रहे हैं। उन्हें नहीं बुलाया गया। इस पर पार्टी नेतृत्व क्या कार्रवाई करेगया, यह उस पर निर्भर करता है, लेकिन अपने राजनीति करियर में आपने जो गुनाह किया है, वो आने वाली पीढ़ी की कसक रहेगी।
बता दें कि जब नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़ा था, तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि अब हरिवंश भी राज्यसभा में उपसभापति के पद से त्यागपत्र दे देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जदयू ने जब राजद से दोबारा हाथ मिलाया और नीतीश के नेतृत्व में सरकार बनाई तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने एक बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि साल 2017 में नीतीश ने किसके कहने पर राजद का साथ छोड़ा था। ललन सिंह ने आरसीपी सिंह , संजय झा का नाम बताया। तीसरे शख्स के तौर पर कहा कि वे पत्रकार हैं और फिलहाल, राष्ट्रपति के सलाहकार बने हुए हैं। तब यह अनुमान लगाया गया था कि नीतीश और हरिवंश के बीच रिश्ते ठीक नहीं हैं।