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चिनूक पहुंचा रहा निर्माण सामग्री व मशीनें, अब चीन सीमा तक तेजी से बनेगी सड़क

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मुनस्यारी पिथौरागढ़ । उत्तराखंड के पिथौराढ़ से चीन सीमा लगती है। चीन की विस्तारवादी गतिविधियों के चलते यहां तक सड़क निर्माण बहुत जरूरी है। यह सामरिक दृष्टि से अतिसंवेदनशील है। पर दुर्गम भौगोलिक स्थिति के चलते निर्माण सामग्री व भारी मशीनें यहां तक पहुंचाना कठिन काम है। अब चीन सीमा तक बनाई जा रही मुनस्यारी- मिलम सड़क निर्माण के लिए सेना आगे आई है। हेलीकाप्टर के जरिए भारी मशीनरी पहुंचाने का कार्य शुरू हो गया है। बेहद महत्वपूर्ण इस सड़क को वर्ष 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सड़क निर्माण के बाद चीन सीमा तक भारत की पहुंच आसान हो जाएगी।
मुनस्यारी से मिलम तक बनाई जा रही करीब 70 किमी सड़क का कार्य दो हिस्सों में कराया जा रहा है। मुनस्यारी से ऊपर की और मिलम से नीचे की ओर सड़क काटी जा रही है। सड़क कटिंग का आधा कार्य पूरा हो चुका है।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में कठोर चट्टानों को काटने का कार्य अभी शुरूआती चरण में हैं। इन चट्टानों को मजदूरों के जरिए काट पाना संभव नहीं है, इसके लिए भारी मशीनरी की आवश्यकता थी।
इस क्षेत्र में सड़क सम्पर्क अभी बना नहीं है। उच्च हिमालय में भारी मशीनरी, वाहन आदि पहुंचाने के लिए अब वायुसेना की मदद ली जा रही है। भारी क्षमता वहन करने वाला भारतीय वायु सेना का चिनूक हैलीकाप्टर इस कार्य में लगाया गया है।
चिनूक के जरिए भारी मशीनरी, ट्रक आदि मुनस्यारी से लास्पा और मिलम पहुंचाए जा रहे हैं। मशीनरी पहुंच जाने के बाद सड़क की कटिंग कार्य में तेजी आएगी। इस समय उच्च हिमालय में मौसम साफ है। सीमा सड़क संगठन मानसून काल से पहले कटिंग कार्य पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। हैलीकाप्टर के जरिए ही खाद्यान्न आदि का ढुलान भी किया जा रहा है।
उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ की धारचूला और मुनस्यारी तहसील चीन सीमा से लगी हुई हैं। धारचूला तहसील के अंतर्गत लिपूलेक तक सड़क का निर्माण दो वर्ष पूर्व पूरा हो चुका है। अगले वर्ष तक मुनस्यारी तहसील से भी चीन सीमा तक सड़क पहुंच जाएगी।

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