श्रीनगर गढ़वाल : कीर्तिनगर के चौरास क्षेत्र में पंपिंग पेयजल योजना निर्माण कार्य बरसात खत्म होते ही एक बार फिर शुरू हो गया है। निर्माणदायी संस्था पेयजल निगम देवप्रयाग का दावा है कि दिसंबर माह के अंत तक पंपिंग पेयजल योजना का कार्य पूरा कर लिया जायेगा। जल जीवन मिशन और राज्य सेक्टर मद से बन रही मढ़ी चौरास-जाखणी पुनर्गठन पंपिंग पेयजल योजना का निर्माण कार्य 37 करोड़ 16 लाख 58 हजार रुपये की लागत से पूरा किया जायेगा। यह प्रदेश की पहली ग्रामीण पेयजल योजना है, जिसमें प्रतिदिन प्रति व्यक्ति पानी की खपत 135 एलपीसीडी रखी गई है। पेयजल योजना से जाखणी, मढ़ी, मैढ़ो, रानीहाट, नैथाणा, थापली, सुपाणा समेत 14 गांवों की आबादी लाभान्वित होगी। चौरास क्षेत्र की जनता कई वर्षों से पेयजल व्यवस्था सुचारु न होने से पेयजल किल्लत से जूझ रही है। ऐसे में यह पेयजल योजना चौरास क्षेत्र के लिए वरदान साबित होने वाली है। पेयजल योजना के अंतर्गत अभी तक गौरशाली में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) का निर्माण 80 प्रतिशत तक पूरा हो गया है, जबकि नैथाणा के पास अलकनंदा नदी में बन रहे इनटैंक वेल का निर्माण कार्य नदी का जलस्तर बढ़ने से रूका हुआ था। जो कि बरसात होने के बाद शुरू हो गया है। इधर, पेयजल निगम देवप्रयाग के सहायक अभियंता प्रदीप भंडारी ने बताया कि बरसात के चलते अलकनंदा का जलस्तर बढा हुआ था, जिस कारण इटैंक वैल और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य रूका हुआ था। बरसात बंद होते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। बताया कि दिसंबर माह तक पंपिंग पेयजल के निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा हुआ है। जनवरी माह में चौरास क्षेत्र की जनता को पानी उपलब्ध करवा दिया जायेगा। बताया कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को लेकर पंप, मोटर और ट्रांसफार्मर भी क्रय कर लिए गये है। नवंबर माह तक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में इंस्टाल कर लिया जायेगा। (एजेंसी)