सूचना क्रांति के दौर में पत्रकारिता के क्षेत्र में हो रहे निरंतर बदलाव

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‘‘पत्रकारिता का बदलता स्वरूप‘‘ थीम पर किया गया गोष्ठी का आयोजन
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर शनिवार को जिला सूचना कार्यालय पौड़ी में ‘‘पत्रकारिता का बदलता स्वरूप विषय पर अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी सुनील सिंह तोमर की अध्यक्षता में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला सूचना अधिकारी सुनील सिंह तोमर ने कहा कि सूचना क्रांति के दौर में पत्रकारिता के क्षेत्र में निरंतर बदलाव हो रहे हैं। मीडियाकर्मी इन बदलावों को अपनाते हुए समाज और देश हित में बेहतर पत्रकारिता कर रहे हैं। पत्रकारिता जगत के साथी सूचना क्रांति को अपनाते हुए विश्वसनीयता बनाकर कवरेज करें। उन्होंने पत्रकारों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि पत्रकार साथियों के साथ मिलकर समाज की बेहतरी के लिए काम किया जा रहा है।
इस दौरान वरिष्ठ मीडियाकर्मी अनिल बहुगुणा ने पत्रकारिता के शैशव काल से मौजूदा समय की पत्रकारिता की दिशा और दशा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता का स्वरूप काफी बदल गया है। प्रिंट मीडिया के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया भी जगह बना चुका है। आज न्यूज पोर्टल त्वरित गति से पाठकों के समक्ष खबरें पेश कर रहे हैं। राष्ट्रीय सहारा से राकेश रमण शुक्ला ने कहा कि हम संचार क्रांति के दौर से गुजर रहे हैं। डिजिटल मीडिया के दौर में न्यूज पोर्टल की भरमार हो गई है। कई पोर्टल पर पाठकों की विश्वसनीयता बढ़ी है। हालांकि सीमित संसाधनों की वजह से कई बार कतिपय पोर्टलों की विश्वसनीयता पर सवाल खडे़ हो जाते हैं। अमर उजाला से मनोहर बिष्ट ने कहा कि शुरूआती दौर में पत्रकारिता मिशन के रूप में थी। समय के साथ आ रहे बदलाव की वजह से सोशल मीडिया में खबरें पेश करने की जो होड़ मची है, उससे विश्वसनीयता पर असर पड़ रहा है। चौथे स्तम्भ के रूप में मीडिया जनपक्षीय कवरेज कर अपना स्थान कायम रख सकता है। हिन्दी खबर से मुकेश बछेती ने कहा कि सोशल मीडिया के वर्चस्व की वजह से कुछ व्यवहारिक दिक्कतें आ रही हैं। कई बार सोशल मीडिया में प्रस्तुत न्यूज कटेंट से भ्रम की स्थिति पैदा होती है। इसलिए सोशल मीडिया में कुछ हद तक लगाम कसना जरूरी है। पत्रकार प्रदीप नेगी ने कहा कि आज डिजिटल मीडिया का समय आ गया है। इस दौर में किसी खबर के सच होने पर संशय पैदा हो रहा है। जिससे समय-समय पर न्यायालयों को भी इसका संज्ञान लेना पड़ रहा है। गोष्ठी में कुलदीप बिष्ट, पंकज रावत, प्रदीप नेगी, गब्बर सिंह भण्डारी, विजय बहुगुणा, पंकज रावत सहित सूचना विभाग से संरक्षक प्रमोद बर्तवाल, कनिष्ठ सहायक पुष्कर बिंजोला, मानवेन्द्र कंडारी, संदीप थपलियाल, हरेन्द्र कुमार उपस्थित थे।

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