उत्तराखंड

कुमाऊं विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो़ संजय पत ने इस्तीफा दिया

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नैनीताल। कुमाऊं विवि में मुख्य परीक्षा नियंत्रक की कुर्सी वरिष्ठ प्राध्यापकों को रास नहीं आ रही। सोमवार को विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो़ संजय पंत ने भी इस्तीफा दे दिया। एक माह के भीतर दो वरिष्ठ प्राध्यापक इस कुर्सी से इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसे में सोचने वाली बात यह है, कि क्या वास्तव में प्राध्यापकों को निजी समस्याओं के चलते ऐसे निर्णय लेने पड़ रहे हैं। हालांकि इस मसले में फिलहाल अधिकारी कुछ बोलने को राजी नहीं हैं। बता दें कि कुमाऊं विवि परीक्षा नियंत्रक के पद पर नियुक्ति के लिए शासन से लगातार पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन शासन की ओर से इस पद पर बीते लंबे समय से नियुक्ति नहीं किए जाने पर विवि की ओर से वरिष्ठ प्राध्यापकों को परीक्षा से संबंधित जिम्मा दिया जाता है। इसी क्रम में विवि प्रशासन की ओर से पूर्व में डीएसबी परिसर के वरिष्ठ प्राध्यापक अनुशासन की मिसाल माने जाने वाले एनसीसी के मुखिया प्रो़ एचसीएस बिष्ट को मुख्य परीक्षा नियंत्रक का दायित्व दिया गया। इस दौरान उन्होंने नियमों के साथ कार्य योजना बनाकर बखूबी इस पद का निर्वहन किया, लेकिन बीते 13 सितंबर को अचानक प्रो़ बिष्ट की ओर से विवि प्रशासन को प्रत्यावेदन किया गया। जिसमें पदीय दायित्व से कार्यमुक्त किए जाने की मांग की गई। प्रभारी कुल सचिव दुर्गेश डिमरी की ओर से प्रत्यावेदन को स्वीकार करते हुए, डीआईसी निदेशक प्रो़ संजय पंत को परीक्षा नियंत्रक का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया। हालांकि प्रो़ पंत इससे पूर्व भी परीक्षा नियंत्रक की भूमिका में रह चुके थे। अब 10 अक्तूबर को डीएसबी परिसर स्थित भौतिकी विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो़ संजय पंत ने भी कार्यमुक्ति को लेकर प्रत्यावेदन दिया है। कुलपति प्रो़ एनके जोशी ने उनके प्रत्यावेदन को स्वीकार करते हुए उन्हें कार्यमुक्त कर दिया। जबकि अग्रिम आदेशों तक यह जिम्मेदारी कुल सचिव दिनेश चंद्रा को दी गई है। ऐसे में लगातार इस्तीफे को लेकर स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आ पा रही है। हालांकि विवि के कुलपति प्रो़ एनके जोशी का प्रकरण में कहना है, कि प्रो़ पंत की ओर से निजी कारणों के चलते कार्यमुक्त किए जाने को लेकर प्रत्यावेदन दिया गया था। जिसे स्वीकार कर उन्हें कार्यमुक्त कर दिया गया है। जबकि फिलहाल यह जिम्मेदारी कुल सचिव देखेंगे।

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