रामबाग महाशिवरात्रि मेले में विवाद का पटाक्षेप

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रुद्रपुर। तीन सौ वर्ष पुराने प्राचीन शिव मंदिर रामबाग में विगत कई वर्षों से चल रहे आदिवासी बुक्सा जनजाति के तत्वावधान में महाशिवरात्रि मेले के विवाद का विधायक की मौजूद्गी में पटाक्षेप हो गया है। गांव में बंगाली समाज के लोग रहते हैं तथा पूर्व की भांति बुक्सा समाज के नाम पर मेले का आयोजन होने के कारण दोनों समाज के दो लोगों को मेले का सफल आयोजन कराने की जिम्मेदारी सौपीं गई है।लंबे समय से बुक्सा जनजाति के नेतृत्व में मेले का आयोजन होता आ रहा है। दो वर्ष पूर्व बुक्सा जनजाति समुदाय के कुछ लोगों ने मेले के आयोजन के लिए नई समिति का गठन किया था। पूर्व समिति ने इस बार समिति का नाम बदलकर मेले की अनुमति के लिए आवेदन किया, लेकिन बुक्सा जनजाति के पूर्व आयोजन समिति ने नई आदिवासी शिव मंदिर संरक्षण समिति का नाम रखकर मेले की तैयारी करने की अनुमति प्रशासन से मांगी थी। वहीं चार दिन पूर्व बुक्सा जनजाति कल्याण समिति के सदस्यों ने भी उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर पूर्व समिति पर विगत 18 वर्षों से मेले के आयोजन की आय व्यय न देने का आरोप लगाया है। हालांकि, पूर्व मेला आयोजन समिति ने शिव मंदिर का सौन्दर्यीकरण करवाया। इसके अलावा मेले में दुकानों की संख्या बढ़ने के कारण मेले के आयोजन के लिए एक भूखंड भी क्रय किया है। सोमवार देर शाम तक विधायक अरविंद पांडे के आवास पर हुई बैठक में एसडीएम की मौजूद्गी पर बंगाली समाज के नित्यानंद मंडल तथा बुक्सा समाज के राकेश सिंह को 2024 महाशिवरात्रि मेले के आयोजन हेतु जिम्मेदारी सौंपी गई है। जो पूर्व मेला आयोजन समिति अध्यक्ष रामचन्द्र तथा आपत्तिकर्ता बाबू सिंह तोमर को संरक्षक नियुक्त किया गया है। वहीं विधायक अरविंद पांडे ने बताया इस वर्ष मेले का आयोजन करने के बाद प्रशासन की मौजूद्गी में मेले आयोजन के लिए रजिस्ट्रेशन कमेटी का गठन किया जाएगा।
महाशिवरात्रि को कुछ ही दिन बचे हैं। इस कारण इतने कम समय में मेला कमेटी का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकता है। इस पर बुक्सा समाज के लोगों तथा बंगाली समाज के लोगों ने सहमति जताई है। बैठक में विधायक अरविंद पांडे, नित्यानंद मंडल, राकेश सिंह, किशोर मलिक, बाबू सिंह तोमर समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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