उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध
देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने काँवड़ यात्रा के संबंध में सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में कोविड के डेल्टा प्लस वैरियेन्ट के पाये जाने, कोविड की तीसरी लहर की आशंका और देश-विदेश में इसके दुष्प्रभावों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में विशेषज्ञों की राय पर भी विचार किया गया। मनुष्य जीवन की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए आगामी काँवड़ यात्रा को स्थगित रखने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को यथोचित कार्यवाही करने के निर्देश दिये। यह भी निर्देश दिए कि पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुए प्रभावी कार्यवाही हेतु अनुरोध किया जाय, ताकि वैश्विक माहमारी को रोकने में सफल हो सकें। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार, सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
बता दें कि अप्रैल महीने में हरिद्वार कुंभ के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आए थे। इससे राज्य में कोरोना की स्थित बिगड़ी थी। इसी को देखेते हुए तत्कालीन सरकार ने प्रदेश में कांवड़ यात्रा को रद करने का फैसला लिया था। हालांकि, इस बीच राज्य में नेतृत्व परिवर्तन हो गया। नए मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों से बातचीत के बाद कांवड़ यात्रा पर फैसला लेने की बात कही थी। इसी को लेकर आज मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए कांवड़ यात्रा को रद करने का फैसला लिया गया।
उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा रद करने की कि जा रही थी मांग
बता दें कि उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा रद करने की मांग की जा रही थी। विशेषज्ञों का कहना था कि अगर यात्रा आयोजित होगी तो इससे कोरोना संक्रमण के व्यापक पैमाने पर बढ़ने की संभावना बनेगी। तीसरी लहर की आशंका के बीच कांवड़ यात्रा सुपरस्प्रेडर इवेंट के रूप में कुंभ मेले से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। बीते रोज आइएमए उत्तराखंड ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेज यह अनुरोध किया है कि कांवड़ यात्रा को रद कर दिया जाए। आइएमए के प्रदेश सचिव डा. अजय खन्ना के अनुसार हर साल सैकड़ों की संख्या में शिवभक्त कांवड़ लेकर उत्तराखंड के अलग-अलग इलाकों में आते हैं।