कोरोना संक्रमण बढ़ने से बसों में यात्रियों का टोटा, घाटे में सार्वजनिक परिवहन
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोरोना संक्रमण की रफ्तार इतनी बढ़ गई है कि अब लोग घरों से बाहर निकलने में डरने लगे हैं। कुछ दिन पहले जहां बसों में भीड़ नजर आ रही थी, वहीं बसों में यात्रियों का टोटा है। सड़क पर भी पर भी पहले की तुलना में मात्र दस प्रतिशत बसें हीं दौड़ रही हैं। वहीं जिन यात्रियों को बाहर आना-जाना पड़ता है, वे ज्यादातर स्वयं के या किराये की कार, जीप से सफर करना पसंद कर रहे हैं। लोगों को बस में सफर करने से कोरोना वायरस संक्रमण का डर बना हुआ है। लोग यात्री बस में बैठने से डर रहे हैं। सवारी नहीं मिलने की वजह से वाहन मालिकों को घाटे के बावजूद बस चलाना पड़ रहा है।
कोटद्वार को गढ़वाल का प्रवेश द्वार कहा जाता है। कोटद्वार से जीएमओयूलि और रोडवेज की बसें पहाड़ी और मैदानी मार्गों पर चलती है। यहां से प्रतिदिन हजारों यात्री अपने गतंव्य की ओर जाते है। त्योहरी और शादियों के सीजन में बसों में सीट के लिए यात्रियों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। वर्तमान में देश में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है। प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए रविवार को लॉकडाउन की घोषणा की गई है। जबकि सांय 7 से सुबह 5 बजे तक नाईट कफ्र्यू लगाया गया है। कोटद्वार में भी कोरोना मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। जिस कारण लोग अब यात्रा करने से परहेज कर रहे है। रविवार को रोडवेज और जीएमओयू बस अड्डा सूनसान दिखाई दिया। हालांकि इसके पीछे लॉकडाउन को भी एक वजह माना जा रहा है। रविवार को सुबह बस अड्डे में कुछ ही यात्री बस का इंतजार करते हुए नजर आए। जीएमओयूलि के अध्यक्ष जीत सिंह पटवाल ने बताया कि रविवार को दो बस पौड़ी, एक बस चमोली-रूद्रप्रयाग, एक बस चौबट्टाखाल, एक बस एकेश्वर भेजी गई। इसके अलावा बारात ले जाने वाली बसों को भेजा गया। यात्रियों की कमी के कारण बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है। उधर, रोडवेज डिपो कोटद्वार के एआरएम टीकाराम आदित्य ने बताया कि धुमाकोट, लैंसडौन, किल्बोखाल, त्रिपालीसैंण, बीरोंखाल एक-एक और दिल्ली तीन, देहरादून और हरिद्वार दो बसें भेजी गई। उन्होंने बताया कि यात्रियों की संख्या बहुत कम है, जिसके कारण बस चलाना भी मुश्किल हो रहा है। यात्री नहीं होने के कारण ही बस को रोककर यात्री का इंतजार करना पड़ता है।