कोरोना का कहर जारी, नए मरीजों के बाद अब सर्वाधिक मौतों का रिकार्ड भी ध्वस्त
नई दिल्ली, एजेंसी। कोरोना की दूसरी लहर ने एक दिन में सर्वाधिक मौत के आंकड़े को ध्वस्त कर दिया है। प्रतिदिन मिलने वाले नए कोरोना मामलों का हर दिन नया रिकर्ड स्थापित कर रही दूसरी लहर के कारण शनिवार सुबह तक 24 घंटों में 1341 संक्रमितों की मौत हो गई। यह महामारी की शुरुआत के बाद से अब तक देश में एक दिन में जान गंवाने वाले कोरोना मरीजों की सर्वाधिक संख्या है। इसी के साथ कुल मृतक संख्या बढ़कर 1,75,649 हो गई है। इसके पहले एक दिन में कोरोना से सर्वाधिक मौत का आंकड़ा 1290 था, जिसे 16 सितंबर को दर्ज किया गया था। संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की दर गिरकर 87़23 प्रतिशत रह गई है। कोरोना से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 1,26,71,220 हो गई है और मृत्यु दर गिरकर 1़21 प्रतिशत हो गई है। देश में 10 अप्रैल से 16 अप्रैल के बीच कुल 7206 लोगों की कोरोना से मौत हुई। इस लिहाज से सप्ताह में प्रतिदिन मरने वाले कोरोना मरीजों की औसत संख्या 1029 रही। लेकिन इसके पहले के सप्ताह (3 अप्रैल से 9 अप्रैल तक) कुल 4326 कोरोना मरीजों की मौत हुई। इस लिहाज से बीते इस हफ्ते में रोजाना कोरोना मरीजों के मौत की औसत संख्या 618 रही। दो आंकड़ों से पता चलता है कि पहले के मुकाबले दूसरे हफ्ते में प्रतिदिन कोरोना मरीजों की मौत की औसत संख्या में 66़3 फीसदी का इजाफा हुआ। देश के प्रमुख 10 शहरों में अहमदाबाद में कोरोना मरीजों की मृत्यु दर (सीएफआर)सर्वाधिक है। कोरोना मृत्यु दर से आशय प्रति 100 कोरोना मरीजों में से जान गंवाने वाले मरीजों की संख्या से है।भारत में 24 घंटों में कोरोना के रिकर्ड 2,34,692 नए मामले सामने आने के बाद देश में अब तक संक्रमित हो चुके लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,45,26,609 हो गई है।
संक्रमण के मामलों में लगातार 38वें दिन वृद्घि हुई है। देश में उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 16,79,740 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 11़56 प्रतिशत है।
समय पर जांच न होने से मरीज में सही समय पर संक्रमण का पता नहीं लगता जो कोरोना मृत्युदर बढ़ने का एक अहम कारण। संक्रमण का सही समय पर पता नहीं चलने से व्यक्ति का इलाज देरी से शुरू होता है, जिससे उसे अधिक नुकसान होता है। कहां कम जांच हो रही है? इसका फर्मूला डब्ल्यूएचओ ने तय कर दिया है। इसके मुताबिक किसी देश में यदि कोरोना संक्रमण दर (पजिटिविटी रेट) यदि 10 फीसदी से अधिक है, तो माना जाता है कि वहां पर्याप्त मात्रा में जांच नहीं हो रही है। यानी जिन देशों में संक्रमण दर 10 फीसदी से अधिक है, यदि वहां ठीक से जांच कराई जाए तो संक्रमितों की संख्या बहुत अधिक बढ़ जाएगी।साढ़े 26 करोड़ जांच रू भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के मुताबिक, अब तक 26,49,72,022 नमूनों की जांच की जा चुकी है जिनमें से 14,95,397 नमूनों की जांच शुक्रवार को की गई।