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कोरोना: मौत का सिलसिला जारी, 11 मरीजों की गई जान

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देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने का आंकड़ा राहत पहुंचा रहा है। मंगलवार को 1413 मरीज पूरी तरह से ठीक हुए हैं, जबकि 493 नए मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे अधिक 174 देहरादून से हैं। इसके अलावा 65 टिहरी गढ़वाल, 60 ऊधमसिंह नगर, 53 हरिद्वार, 47 नैनीताल, 40 उत्तरकाशी, 15-15 पिथौरागढ़ और चंपावत, 13 चमोली, छह बागेश्वर, चार रुद्रप्रयाग और एक अल्मोड़ा में सामने आया है। वहीं, 11 की मौत हुई है। प्रदेश में अब संक्रमितों की संख्या बढ़कर 47995 हो गई है। हालांकि, इनमें से 38059 मरीज अब तक पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 9122 केस एक्टिव हैं, जबकि 591 की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 223 मरीज राज्य से बाहर जा चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सरकारी व निजी लैब से 9865 सैंपलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिनमें 9408 मामलों में रिपोर्ट निगेटिव आई है। हरिद्वार में सबसे अधिक 129 लोग संक्रमित मिले हैं। इनमें रोशनाबाद जिला कारागार में संक्रमित मिले 38 कैदी भी शामिल हैं। रुड़की नगर निगम की आयुक्त भी कोरोना संक्रमित मिली हैं। देहरादून में 113 और लोग कोरोना संक्रमण की चपेट मे आए हैं।
चार धाम : कोरोना जांच की अनिवार्यता खत्म
देहरादून। 2020 राज्य में चार धामों बदरीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री की यात्रा के लिए कोरोना जांच की अनिवार्यता अब नहीं होगी। उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
राज्य में बाहर से आने वाले श्रद्घालुओं को कुछ पाबंदियों के साथ चार धाम यात्रा की अनुमति दी गई थी। इसमें यात्रियों और श्रद्घालुओं के लिए चार धामों की यात्रा के लिए कोरोना की आरटीपीसीआर जांच नेगेटिव होना या अन्य कोरोना परीक्षण रिपोर्ट अनिवार्य की गईं थीं। कारोबार को हो रहे नुकसान को दे हुए व्यापारी जांच खत्म करने की मांग कर रहे थे। सो उन्होंने इस सिलसले पर्यटन और धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज से मुलाकात कर अनलक-चार लागू होने के बाद इन पाबंदियों को समाप्त करने की पैरवी की थी।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का कहना था कि चार धाम यात्रा के लिए अब एक माह से भी कम समय शेष रह गया है। ऐसे में कोरोना जांच की अनिवार्यता खत्म करनी आवश्यक है। देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन ने बताया कि चार धामों में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या (हेली सेवा को छोड़कर) और दर्शन व्यवस्था के संबंध में बीती 29 जून के शासनादेश के प्रविधान यथावत रहेंगे। यात्रियों के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर यात्र पंजीकरण कर ई-पास लेना और अपलोड किए गए फोटो आइडी और पते का प्रमाणपत्र यात्र के दौरान साथ रखना अनिवार्य होगा। आदेश में कहा गया कि यात्रा के दौरान निर्धारित स्थान पर थर्मल स्कैनिंग के दौरान कोविड-19 लक्षण पाए जाने पर यात्रा की अनुमति नहीं होगी। ऐसी स्थिति में कोरोना जांच नेगेटिव आने के बाद ही यात्रा की अनुमति मिलेगी।
संबंधित जिलाधिकारी को चार धामों में कोरोना संक्रमण के लक्षण वाला यात्री मिलने पर उसकी थर्मल स्कैनिंग के बाद कोरोना जांच के लिए आवश्यक व्यवस्था और उक्त यात्री के साथ यात्र करने वाले अन्य व्यक्तियों के बारे में जांच के संबंध में स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने के निर्देश दिए गए हैं। यह भी स्पष्ट किया गया है कि हवाई सेवा से चार धाम यात्र करने वाले यात्रियों की संख्या, उनके स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था हवाई पट्टी पर हेली कंपनियां सुनिश्चत करेंगी। इस संबंध में नागरिक उड्डयन विभाग को भी दिशा-निर्देश जारी करने को कहा गया है।

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