कोटद्वार में कोरोना महामारी: एक घर से एक के बाद एक उठी अर्थियां, 15 दिन में 85 से अधिक मौतें
जांच कराने से कतराये नहीं समय पर हॉस्पिटल पहुंचे
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोटद्वार में अदृश्य महामारी का विकराल रूप बढ़ता जा रहा है। स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि एक घर से जवान बेटे की अर्थी को आस-पड़ोस और रिश्तेदार कंधा देने नहीं आये तो तब मात्र परिवार के चार लोगों ने कार में शव लाकर मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार कर घर पहुंचे तो देखा कि उसके पिता की भी मौत हो गई है। परिवार के ये चारों कंधे फिर पिता का शव लेकर मुक्तिधाम पहुंचे। ऐसा हृदय विदारक घटना कोटद्वार के उदयरामपुर गांव में हुई है।
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शैल शिल्पी विकास संगठन के महामंत्री विकास आर्य ने यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस गांव में एक शादी हुई थी। इस शादी में शामिल इन दो पिता-पुत्र के अलावा चार और लोगों की भी मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि यद्यपि इन लोगों का कोरोना टेस्ट नहीं किया गया था, लेकिन बीमारी के बाद इन लोगों की मृत्यु हुई है। विकास आर्य ने बताया कि भीमसिंहपुर उदयरामपुर कोटद्वार निवासी 37 वर्षीय युवक जो पिछले कुछ दिनों से बुखार से पीड़ित था। गत शनिवार 15 मई को सुबह उसने अंतिम सांस ली। आस-पड़ोसी, नाते रिश्तेदार भी कोरोनो संक्रमण के भय से पिता-पुत्र के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए। परिजनों ने बमुश्किल कार से शव को कोटद्वार स्थित मुक्तिधाम पहुंचाकर अंतिम संस्कार किया। जैसे ही परिजन युवक का अंतिम संस्कार कर घर लौटे तो दिन में युवक के पिता का भी निधन हो गया। इस तरह की ह्रदय विदारक घटना किसी को भी विचलित कर सकती है। कहा कि आम लोग कोरोना जांच कराने में घबरा रहे है। बीमार होने पर घर पर ही स्वयं इलाज कर रहे है। क्योंकि आम जनता के मन में सोशल मीडिया ने अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति नकारात्मकता की भावना पैदा कर दी है। लोग अस्पताल जाने से भी कतरा रहे हैं। जिस वजह से अधिकांश लोगों की समय पर उपचार न मिलने से मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन के नेतृत्व में तत्काल बूथ स्तर पर कोविड सहायता केंद्र बनाने चाहिए, ताकि आपात स्थिति में लोगों को हर संभव मदद मिल सके।
इस प्रकार की भयावह स्थिति कोटद्वार भाबर में देखने को मिल रही है। यहां पर सरकारी हास्पिटल में ही पिछले 15 दिनों में बिना कोविड जांच के ही 85 से भी अधिक मौतें हो चुकी है। यहां पर बेस हास्पिटल के डॉक्टरों का दावा है कि वर्तमान में कोविड लक्षणों वाले जो भी मरीज मर रहे है वे सब कोरोना वायरस से गंभीर संक्रमित थे। भले ही उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई हो।
कोटद्वार भाबर क्षेत्र में कोविड लक्षण और कोविड से मरने वालों की संख्या का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोटद्वार स्थित मुक्तिधाम में शवों के दाह संस्कार के लिए भी लंबी लाइन लगानी पड़ रही है। इसके अलावा शवों के दाह संस्कार के बाद अस्थी इकठ्ठा करने का मौका नहीं मिल रहा है।