निगम दावा कर रहा स्वच्छता का, शहर में नजर नहीं आ रहे कूड़ेदान
कूड़ेदान नहीं होने से सड़कों के किनारे लगे हैं गंदगी के ढेर
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार एक ओर नगर निगम शहर को स्वच्छ बनाने के लिए तरह-तरह के दावे कर रहा है। वहीं, धरातल की स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है। हालत यह है कि शहर में कूड़ा डालने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ादान तक नहीं लगाए गए हैं। अधिकांश वार्डवासी अपने घर व प्रतिष्ठानों का कूड़ा सड़क किनारे ही फेंक देते हैं। इससे जहां शहर की सूरत बिगड़ रही है। वहीं, आसपास के परिवारों को संक्रामक बीमारियों का भी खतरा बना रहता है।
बेहतर विकास के दावों के साथ वर्ष 2018 में कोटद्वार नगर निगम का गठन किया गया था। लेकिन, गठन के साढ़े चार वर्ष पूर्ण होने के बाद भी नगर निगम व्यवस्थाओं में सुधार नहीं कर पाया है। कूड़ेदान के अभाव में सार्वजनिक स्थानों पर गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। हालत यह है कि कई बार नगर निगम पूरे दिन तक भी यह गंदगी के ढेर साफ नहीं करता। जिससे आसपास दुर्गंध फैली रहती है। शहरवासी राजेंद्र सिंह, रिंकू कुमार ने बताया कि पूर्व में देवी रोड सिताबुपर प्राइमरी स्कूल के समीप एक बड़ा कूड़दान लगा हुआ था। लेकिन, अब पिछले एक वर्ष से कूड़ादान नजर नहीं आ रहा। ऐसे में कई लोग अपने घर व प्रतिष्ठान का कूड़ा सड़क किनारे फेंक देते हैं। यही स्थिति देवी रोड तिराह, नजीबाबाद रोड, तड़ियाल चौक, पदमपुर, मानपुर क्षेत्र में भी बनी हुई है।
गंदगी से पटी नालियां
शहर की अधिकांश नालियां गंदगी से पट चुकी हैं। दरअसल, कई लोग घरों की गंदगी को नाली में डाल देते हैं। पालीथिन व अन्य गंदगी से पटी यह नालियां बरसात के समय जलभराव का मुख्य कारण बनती है। वहीं, बरसात का समय सिर पर है और अब तक नगर निगम ने इन नालियों की सफाई का कार्य शुरू नहीं किया।