बिहार में सभी धर्मों की जातियों और उपजातियों की होगी गणना, सर्वदलीय बैठक में फैसला
पटना, एजेंसी। बिहार में सभी धर्मों की जातियों और उपजातियों की गिनती होगी। जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत ही कम समय सीमा निर्धारित कर जाति आधारित गणना पूरी होगी। इसके लिए बड़े पैमाने पर तेजी से काम होगा। शीघ्र ही कैबिनेट से निर्णय लेकर समय सीमा की भी जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।
मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद में हुई इस बैठक में उपमुख्यमंत्री सह भाजपा नेता तारकिशोर प्रसाद और राजद नेता सह नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत नौ दलों के नेताओं ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में जाति आधारित गणना पर सब लोगों ने अपनी बात रखी। सर्वसम्मति से यह निर्णय हो गया कि बिहार में जाति आधारित गणना की जाएगी।
हर व्यक्ति के बारे में पूरी जानकारी ली जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से जितने लोगों को गणना में लगाया जाएगा, उनका सबसे पहले प्रशिक्षण कराया जाएगा। इस काम के लिए पैसे की जरूरत होगी। इसका भी प्रबंध किया जाएगा। जाति आधारित गणना के बारे में पूरे तौर पर विज्ञापन प्रकाशित कर दिया जाएगा, ताकि एक-एक चीज को लोग जानें। दलों को भी इसकी जानकारी दी जाएगी। मालूम हो कि सामान्य प्रशासन विभाग गणना कराएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना कराने का मकसद लोगों को आगे बढ़ाना है। हमलोगों की योजना यही है कि सबका विकास ठीक ढंग से हो। कोई पीटे है तो उसकी उपेक्षा नहीं हो। किसी भी समुदाय और जाति के हैं, सबकी संख्या नोट की जाएगी। इसे करने के बाद इसे प्रकाशित करेंगे। सभी दलों को इसकी जानकारी निरंतर दी जाएगी, ताकि कोई टूटे नहीं। अगल-अलग जाति में अनेक उपजातियां हैं। इसलिए कोई भी उपजाति बोलेगा तो बगल वाले जो उसी उपजाति के हैं, वे बोलेंगे कि यह फलां जाति के हैं। उनकी सहमति लेकर ही यह नोट किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति आधारित गणना पूरी होने के बाद यह भी पता चलेगा कि कौन गरीब है, कौन क्या है? ये सब जानकारी भी इसके अंतर्गत ली जाएगी। हमलगों को सबको आगे बढ़ाना है। कोई पीटे नहीं रहे। इसलिए सब चीज कराएंगे।
एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हमलोग मिले और अनुरोध किया कि राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना होनी चाहिए। पर, कुछ समय के बाद हुआ कि राष्ट्रीयस्तर पर यह नहीं होगा। राज्यस्तर पर करना होगा। राज्यस्तर पर अपनी तरफ से इसको करना है। बीच में विधान परिषद चुनाव आदि को लेकर सर्वदलीय बैठक में थोड़ी देरी हुई है। एक सवाल पर कहा कि जाति की गणना का विरोध नहीं हुआ है। सिर्फ यह बात कही गई थी कि राष्ट्रीयस्तर पर यह हो नहीं पा रहा है। पर, सभी राज्य धीरे-धीरे इसे कराने पर विचार कर रहे हैं। सभी राज्यों में यह हो जाएगा तो राष्ट्रीयस्तर पर यह स्वतरू आंकड़ा आ जाएगा।