जोशीमठ में स्थित सेना के मुख्य र्केप की कई इमारतों में भी आई दरार, सैन्य आवागमन में कोई दिक्कत नहीं
नई दिल्ली , एजेंसी। आपदाग्रस्त जोशीमठ में स्थित सेना के मुख्य र्केप की दो दर्जनों से अधिक इमारतों में भी दरार आयी हैं और इसे देखते हुए सेना ने इन भवनों को खाली करा लिया है। साथ ही यहां से सैनिकों को अस्थायी रूप से दूसरी सुरक्षित जगह रहने की व्यवस्था कर दी गई है। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि जोशीमठ की मौजूदा स्थिति के चलते चीन से लगी अग्रिम सीमा के मोर्चे पर जाने वाली सड़कों में भी दरारें आयी हैं मगर इससे सैन्य आवागमन पर कोई फर्क नहीं आया है।
सेना दिवस से पहले अपनी सालाना प्रेस कांफ्रेंस में जोशीमठ के हालात को लेकर पूटे गए सवालों का जवाब देते हुए जनरल मनोज पांडे ने जमीन धंसने और भवनों में दरारें आने की घटनाओं पर कहा कि भारतीय सेना की 25 से 28 इमारतों में मामूली दरारें देखने में आयी है।
इसके बाद इन इमारतों में रह रहे सैनिकों को अस्थायी रूप से सुरक्षित दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है। सेना प्रमुख ने यह भी कहा है कि हालात की समीक्षा के उपरांत जरूरत हुई तो इन्हें स्थाई रूप से औली में शिफ्ट किया जा सकता है। जोशीमठ संकट के चलते चीन से लगी सीमा पर सैन्य आवागमन प्रभावित होने के सवाल पर सेना प्रमुख ने कहा कि अग्रिम क्षेत्रों में सेना की आवाजाही और पहुंच प्रभावित नहीं हुई है।
सड़कों में कई जगह दरारें जरूर आयी हैं मगर सीमा सड़क संगठन इन्हें दुरूस्त कर रहा है। जहां तक बायपास रोड की बात है तो अस्थायी तौर पर काम रोक दिया गया है मगर अग्रिम क्षेत्रों तक हमारी पहुंच में किसी तरह की दिक्कत नहीं है।
सेना की आपरेशनल तैयारी पर इससे किसी तरह का प्रतिकूल असर नहीं हुआ है और न ही भविष्य में इस तरह की कोई चुनौती है। हमारे पास अग्रिम मोर्चे के लिए वैकल्पिक मार्ग भी हैं। सेना प्रमुख ने कहा कि नागरिकों को सुरक्षित जगह रखने के लिए सेना ने एक र्केप भी बनाया है और स्थानीय प्रशासन को इसका प्रस्ताव देते हुए हर संभव सहायता प्रदान करने की अपनी तैयारी रखी है। जोशीमठ में नागरिकों की मदद के लिए सेना से जैसी भी मदद मांगी जाएगी हम इसके लिए तैयार हैं।