कोटद्वार-पौड़ी

रचनात्मकता जीवन में जरूरी : नवानी

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

श्रीनगर गढ़वाल : नगर निगम सभागार श्रीनगर में धाद मातृभाषा एकांश श्रीनगर गढ़वाल के तत्वावधान में गिरीश पंत मृणाल के गढवाली काव्य संग्रह ‘खौरी का बारा’ व चंडी प्रसाद बंगवाल द्वारा लिखित एवं शकुंतला बंगवाल के स्वर में ज्ञान की तू शक्ति छैं मां..गढ़वाली सरस्वती वंदना का लोकार्पण धूमधाम के साथ आयोजित किया गया। इस मौके पर मायादेवी ग्रुप की महिला सदस्यों ने मांगल गीत व गढ़वाली लोकगीत तथा बाल कलाकार प्रद्युम्न उनियाल ने गढ़वाली गीत और तेजस्वी सेमवाल एवं परीक्षित ने शानदार नृत्य प्रस्तुति दी।
लोकार्पण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि धाद संस्था के संस्थापक लोकेश नवानी ने कहा कि रचनात्मकता जीवन में जरूरी है। उन्होंने काव्य संग्रह खौरी का बारा एवं गढ़वाली सरस्वती वंदना की सराहना करते हुए कहा कि इनके माध्यम से गढ़वाली भाषा के संरक्षण में योगदान दिए जाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को गढ़वाली भाषा के संरक्षण में योगदान देने की आवश्यकता है। मौके पर विशिष्ट अतिथि वीरेंद्र पंवार, शांति प्रसाद जिज्ञासु, मधुसूदन थपलियाल, अमित सागर, डा. राकेश भट्ट, महेशानंद ने लोकभाषा आंदोलन में दिए जा रहे योगदान का स्वागत करते हुए मृणाल पंत व बगंवाल दम्पति को बधाई दी। खौरी का बारा पुस्तक की समीक्षा लेखक महेशानंद ने की। इस मौके पर धाद की श्रीनगर इकाई के संरक्षक चंडी प्रसाद बंगवाल, अध्यक्ष कमलेश जोशी, उपाध्यक्ष महेश गिरी, सचिव साईनीकृष्ण उनियाल आदि ने सहयोग दिया। मौके पर गंगा असनोडा थपलियाल, अंजना घिल्डियाल, प्रदीप अंथवाल, उम्मेद सिंह मेहरा, डा. प्रताप भंडारी, डा. उत्तम भंडारी, सौरभ नौटियाल, कमला उनियाल, सबिता बंगवाल, संध्या डिमरी, मंजु, कविता, सरिता बंगवाल आदि मौजूद रहे। (एजेंसी)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!