उत्तरकाशी(। सामान्य से अधिक हुई बारिश ने रवांई घाटी के किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सामान्य से ज़्यादा हुई बारिश ने न सिर्फ उनकी खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है, बल्कि आने वाली फसलों की बुआई पर भी असर डाला है। समस्या को लेकर किसानों में गहरी चिंता है। लाल धान की खेती करने वाले किसान नवीन गैरोला ने कहा कि इस साल धान की फसल को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है। वहीं सेब उत्पादक किसान रामप्रसाद,कपिल देव ने कहा कि भारी बारिश के कारण उनकी सेब की फसल को भी भारी क्षति पहुंची है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। किसानों की इस गंभीर समस्या को देखते हुए राज्य स्तरीय लघु सिंचाई सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष जगत सिंह चौहान ने केंद्रीय कृषि, कृषि कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने फसल खराब होने और समय पर बुआई न हो पाने के कारण किसानों को हुए नुकसान की जाँच की मांग की है। चौहान ने पत्र में बताया है कि भारी बारिश से धान, राजमा, सब्जियां और तिलहन जैसी खड़ी फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं। इसके अलावा, अगस्त में बोई जाने वाली डांडे की मटर,बीन और फ़्रांसबीन जैसी फसलें भी किसान बारिश की वजह से बो नहीं पाए हैं। उन्होंने पत्र के माध्यम से आग्रह किया है कि किसानों को हुए नुकसान का सही मूल्यांकन कर उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए। उन्होंने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार इस मामले में संज्ञान लेते हुए किसानों को राहत पहुंचाएगी।