अन्नपूर्णा मेले में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
नई टिहरी : वैशाख माह में होने वाले थौल मेलों का सोमवार को तुंणगी के ऐतिहासिक अन्नपूर्णा मेले के साथ यहां समापन हो गया। आखिरी थौल होने से नगर से लेकर गांवों तक की भारी भीड़ यहां उमड़ी। करीब 49 वर्ष पूर्व पशुबलि जैसी बर्बर कुप्रथा के खिलाफ अन्नपूर्णा मेले की शुरुआत हुई थी। प्रसिद्ध विद्वान स्व. आचार्य चक्रधर जोशी व समाजसेवी भारती सिंह ने तमाम विरोधों के बाबजूद इस ऐतिहासिक मेले को शुरू किया था। अन्नपूर्णा मेले के प्रभाव से क्षेत्र के अन्य थौल मेलों में भी पशुबलि जैसी प्रथा धीरे-धीरे बन्द हो गयी। तीर्थनगरी के निकट आयोजित इस मेले में नगर वासियों व ग्रामीणों ने क्षेत्र की सुख समृद्धि के लिए मां अन्नपूर्णा की पूजा-अर्चना की। जबकि ढोल नगाडों के साथ मन्दिर में देवी का ध्वज फहराया गया। मेले में सहारनपुर, हल्द्वानी, रुड़की, काशीपुर, हरिद्वार आदि से बड़ी संख्या में दुकानदार पहुंचे थे। सुहागन महिलाओं में चूड़ी, बिंदी लेने, बच्चों में चरखी, जंपिंग खेलने व युवाओं में टैटू बनवाने की होड़ मची रही। वहीं मेले में आये लोगों ने जलेबी, पकोड़ी, आईसक्रीम का भी खूब आनंद उठाया। धूलभरी आंधी व बारिश से मेले में अफरा तफरी भी बनी। (एजेंसी)