मां अन्नपूर्णा मेले में उमड़ी भक्तों की भीड़
नई टिहरी। वैशाख माह में आयोजित होने वाला आखिरी मां अन्नपूर्णा मेला आस्था और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। कोरोना महामारी की वजह से पिछले दो वर्षों से मेला आयोजित नहीं होने से इस वर्ष मेले में लोगों की खूब भीड़ उमड़ी। तीर्थनगरी देवप्रयाग के समीप तुणगी गांव में करीब 48 वर्ष पूर्व ऐतिहासिक मां अन्नपूर्णा मेले की शुरुआत हुई थी। पशुबलि के विरोध में शुरू हुआ यह मेला आज क्षेत्र का प्रमुख मेला बन गया है। प्रसिद्घ विद्वान व समाज सेवी स्व़आचार्य चक्रधर जोशी की जागरूक ग्रामवासी स्व़भारती सिंह के प्रयासों से शुरू हुए इस मेले के प्रभाव से क्षेत्र के थौल मेलों में होने वाली पशुबलि धीरे-धीरे बंद हो गई। आज क्षेत्र के कई मेले जहां लगभग समाप्त हो चुके हैं, वहीं अन्नपूर्णा मेला क्षेत्र का प्रमुख मेला बन चुका है। बैशाख माह के आखिरी दिन लगने वाले क्षेत्र के इस मेले में देवप्रयाग नगर सहित मुनेठ, पालीसैंण, बागी, कंडाधार, महड़, भ्वीट, कोटी, खड़गीर, सामपुर, डडणा, किरोड़, भरपूर, साकनी आदि गांवों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। मेले में आई महिलाओं में चूड़ी-बिंदी आदि लेने की होड़ रही, वहीं बच्चे खिलौने, आइसक्रीम, युवा जलेबी, पकोड़ी खाने के साथ चरखी का आनंद लेते दिखे। ढोल दमाऊं की थाप पर मंडाण नाचते ग्रामीणों ने मां अन्नपूर्णा मंदिर में देवी का ध्वज चढ़ाकर क्षेत्र की सुख-समृद्घि की कामना की। इस बार मेले में स्थानीय तथा दूरदराज क्षेत्रों से दुकानदार पहुंचे थे।