गोपेश्वर महोत्सव में सांस्तिक कार्यक्रम, जागरों और लोक गीतों की रही धूम
चमोली। गोपेश्वर के रामलीला मैदान में आयोजित गोपेश्वर महोत्सव में सांस्तिक कार्यक्रमों और जागरों, लोक गीतों की धूम रही। शिक्षण संस्थाओं और महिला मंगल दलों, सांस्तिक दलों ने शानदार प्रदर्शन से सबको प्रभावित किया। महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को मंच पर सुबोध विद्या मंदिर, आदर्श विद्या मंदिर समेत मुख्यालय गोपेश्वर की सभी शिक्षण संस्थानों ने मंच पर सांस्तिक तथा विरासत की नृत्य नाटिका और सांस्तिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। सांस्तिक दलों ने भूले बिसरे गीत, जागर प्रस्तुत किए। गांवों से आयी महिलाओं ने चौंफला, थडिघ्या, झुमलो नृत्य प्रस्तुत किये। हिमालय की आराध्या नन्दा देवी के गीतों, जागरों और लोक गीतों ने गोपेश्वर महोत्सव ने कार्यक्रम को चार चांद लगा दिए। गोपेश्वर महोत्सव के कार्यक्रमों में नन्दादेवी की डोलियो, टंतोलियों, न्योज निशाणों, पहाड़ी वाद्य यंत्रों ढोल दमांऊ, भोंकरों ने पूरे माहौल को धार्मिक बना दिया। गोपेश्वर महोत्सव में महिलाओं और छोटे बच्चों व युवाओं की सराहनीय भूमिका रही। देश भक्ति और पर्यावरण संरक्षण के कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये। गोपेश्वर महोत्सव में कविताओं गीतों के माध्यम से जोशीमठ भू धसांव के दर्द को जब मंच पर प्रस्तुत किया गया तो सबकी आंखें छलक गयीं। मंच पर ग्रामीण कलाकारों और ग्रामीण महिलाओं को उनकी गीत, सांस्तिक प्रतिभा को सम्मान देने का विशेष प्रयास किया गया।