वर्तमान भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग 11.5 लाख करोड़ का : केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव

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रेल मंत्री ने किया बेंगलुरु में एआरएम के नए कार्यालय के उद्घाटन
एआई सर्वर, ड्रोन और मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाले सबसे उन्नत चिप्स, 2 नैनोमीटर चिप्स होेगें डिजाइन
जयन्त प्रतिनिधि।
नई दिल्ली : रेल, मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को बेंगलुरु में सेमीकंडक्टर डिजाइन से जुड़ी कंपनी, एआरएम के नए कार्यालय का उद्घाटन किया। मंत्री ने कहा कि एआई सर्वर, ड्रोन और मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाले 2 नैनोमीटर के सबसे उन्नत चिप्स यहीं डिजाइन किए जाएंगे। सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में छह गुना वृद्धि हुई है। वर्तमान में यह 11.5 लाख करोड़ का उद्योग है। निर्यात में आठ गुना वृद्धि हुई है। इलेक्ट्रॉनिक्स भारत के लिए प्रमुख निर्यात उत्पाद बन रहे हैं। इस मौके पर कार्बोरंडम यूनिवर्सल लिमिटेड ने सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए उपकरणों के निर्माण में प्रयुक्त कुछ सामग्रियों का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि एआरएम की नई बेंगलुरु इकाई मोबाइल फोन सहित विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के लिए 2 एनएम चिप्स सहित चिप्स डिजाइन करेगी। उन्होंने इसे भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। मंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य सेमीकंडक्टर के साथ-साथ उनके लिए आवश्यक उपकरणों और सामग्रियों का डिजाइन और निर्माण करना है। यह एक बहुत लंबी दूरदर्शी प्रक्रिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान किया है। सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अगले 20 वर्षों के विजन के साथ, हमारे युवाओं और प्रतिभाशाली इंजीनियरों को दुनिया में सर्वोत्तम अवसर प्राप्त होंगे। मंत्री कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में वृद्धि से सेमीकंडक्टर चिप्स की मांग दोगुनी हो रही है। मोबाइल फोन और लैपटॉप की असेंबली से शुरू हुआ यह सफर अब उनके मॉडल, कंपोनेंट्स और तैयार उत्पादों के उत्पादन की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हम इस सफर में बहुत व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ रहे हैं।

एक ट्रिलियन डॉलर के उद्योग के रूप में विकसित हो रहा सेमीकंडक्टर सेक्टर
रेल, मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सेमीकंडक्टर सेक्टर एक ट्रिलियन डॉलर के उद्योग के रूप में विकसित हो रहा है और इसमें प्रतिभाओं की आवश्यकता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। यह एक उपयुक्त समय है। इसके लिए 278 संस्थान और विश्वविद्यालय काम कर रहे हैं और उनके छात्र सेमीकंडक्टर चिप्स के डिजाइन और इनोवेशन में लगे हुए हैं। वर्तमान में, 25 संस्थानों के छात्रों द्वारा डिजाइन की गई 28 चिप्स तैयार हो चुकी हैं। हमने भारत के सेमीकंडक्टर मिशन का पहला संस्करण व्यावहारिक रूप से पूरा कर लिया है और अब दूसरे संस्करण की ओर बढ़ रहे हैं। इसमें सेमीकंडक्टर चिप्स के लिए आवश्यक उपकरणों और सामग्रियों के उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

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