चक्रवात यास : ममता बनर्जी बोलीं- बिजली गिरने से दो की मौत, 80 घर हुए क्षतिग्रस्त
कोलकाता, एजेंसी। पश्चिम बंगाल में चक्रवात यास का असर दिखाई देने लगा है। इस बात की जानकारी स्वयं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को दी। उन्होंने कहा कि उत्तर 24 परगना जिलों में बवंडर में लगभग 80 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। जबकि बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने नबन्ना में एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि चक्रवात को देखते हुए 11़5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि हलिसहर में 40 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, यहां 4-5 लोग घायल हुए हैं। चुचुरा में भी 40 घर क्षतिग्रस्त हुए, जबकि पांडुआ में बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हुई।
इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा था कि राज्य सरकार ने चक्रवात यास से निपटने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं, जो राज्य के 20 जिलों को प्रभावित कर सकता है।एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा था कि राज्य किसी भी नुकसान से बचने के लिए कम से कम 10 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने का लक्ष्य बना रहा है।
उन्होंने कहा कि अभी तक हमें जो जानकारी मिली है उसके अनुसार चक्रवात यास का प्रभाव अम्फान से कहीं अधिक होने वाला है। यह पश्चिम बंगाल के कम से कम 20 जिलों को प्रभावित करने वाला है। कोलकाता, उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा पूर्व मेदिनीपुर जिले गंभीर रूप से प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि हावड़ा, हुगली, बांकुरा, बीरभूम, नदिया, पश्चिम और पूर्व बर्धमान, पश्चिम मेदिनीपुर, मुर्शिदाबाद, झारग्राम, पुरुलिया जिले भी चक्रवात से प्रभावित होंगे।
बनर्जी ने कहा कि मालदा, उत्तर और दक्षिण दिनाजपुर, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग में बारिश की आशंका है। उन्होंने कहा कि यह आपदा 72 घंटे तक रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने तटीय क्षेत्रों में सभी प्रकार के पर्यटन के साथ-साथ समुद्र में मछली पकड़ने की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और पुलिस को किसी भी तरह की जान-माल की हानि को रोकने के लिए निर्देशों का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटने के लिए कहा गया है। बनर्जी ने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा अनुमानित तबाही को ध्यान में रखते हुए कम से कम 51 आपदा प्रबंधन टीमों को तैयार किया गया है।
उन्होंने कहा कि 13 स्थानों पर फेरी सेवाएं बंद कर दी गई हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य के पास राहत सामग्री का पर्याप्त भंडार है जिसे प्रखंड स्तर पर तैयार रखा गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंगलवार से हम राज्य सचिवालय के नियंत्रण कक्ष से अगले 48 घंटे तक निगरानी जारी रखेंगे। जिला और अनुमंडल स्तर पर भी नियंत्रण कक्ष चालू कर दिए गए हैं।
बनर्जी ने कहा कि अस्पतालों और टीका केंद्रों के लिए व्यापक योजनाएं अपनाई गई हैं। सभी प्रकार की दवाओं को तैयार रखने को कहा गया है। कोलकाता बंदरगाह ने कहा कि वह 25 मई से चक्रवात के थमने तक सभी गतिविधियों को स्थगित कर देगा। कोलकाता हवाईअड्डे के अधिकारियों ने कहा कि चक्रवात के मद्देनजर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए गए हैं।