चक्रवात यास का कहर बंगाल और ओडिशा के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात

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नई दिल्ली, एजेंसी। अति गंभीर चक्रवात का रूप धारण कर चुके यास चक्रवात ओडिशा के तट से टकरा गया है। जो 2-3 घंटों तक चलेगी। इसकी वजह से कई इलाकों में तेज हवाएं और भारी बारिश हो रही है। कई जगहों पर पेड़ों के उखड़ने की तस्वीर भी देखने को मिली है। यास की वजह से पश्चिम बंगाल में तट के कई किमी दूर तक दूकानों और घरों में पानी भर गया है। मौसम विभाग ने बंगाल व ओडिशा के लिए रेड अलर्ट (भारी बारिश की आशंका) जारी किया है। वहीं, चक्रवात से खतरे को देखते हुए बंगाल और ओडिशा में 12 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। झारखंड, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और अंडमान निकोबार द्वीप में भी बचाव के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
पश्चिम बंगाल में भारतीय सेना ने पूर्वी मिदनापुर के तलगाचारी में जलभराव वाले इलाकों से स्थानीय लोगों को बचाया। एनडीआरएफ का कहना है कि उसने आज सुपर साइक्लोन यास के दौरान पूर्वी मेदिनीपुर जिले के सतीलपुर गांव में झील में डूबने से तीन लोगों को बचाया।
ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप के जेना ने कहा, जाजपुर, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जिलों में बिजली के बुनियादी ढांचे को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। बहाली की प्रक्रिया शुरू हुई और बिजली विभाग ने फीडरों की सुरक्षा जांच भी शुरू कर दी। सड़क की सफाई और मरम्मत के लिए पर्याप्त टीमें मैदान पर उपलब्ध हैं। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, वे पहले ही 1़05 लाख से अधिक लोगों को निकाल चुके हैं और यह जारी है। हम मयूरभंज में हवा की गति और क्षति पर कड़ी नजर रख रहे हैं। हमने बड़े पैमाने पर पेड़ों को उखड़ते देखा है। सड़कों को लगातार साफ किया जा रहा है। चक्रवात यास ने लैंडफल की प्रक्रिया पूरी कर ली है। यह सुबह 9 बजे शुरू हुआ और दोपहर 1 बजे कलेक्टर बालासोर और भद्रक से सूचना मिली कि सभी तटीय क्षेत्रों में हवा थम गई है।

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