दबंगों ने काट डाला कास्तकार का पेड़, सरकारी महकमा नहीं कर रहा सुनवाई
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। विकासखंड दुगड्डा के बडोल गांव में वन माफियाओं ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर बिना अनुमति के तुन (इमारती लकड़ी) के पेड़ पर आरी चला दी। पीड़ित कास्तकार पिछले डेढ़ माह से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर तहसील के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसे न्याय नहीं मिल रहा है। पीड़ित का कहना है कि जुलाई माह के पहले हफ्ते से वह कई बार उपजिलाधिकारी कोटद्वार, जिलाधिकारी पौड़ी को शिकायत पत्र सौंप चुके है, लेकिन अभी तक आरोपियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई है। अधिकारी उन्हें जांच का आश्वासन देकर मामले से पल्ला झाड़ रहे है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्व विभाग की मिलीभगत से ही पेड़ काटा गया है।
बडोल गांव निवासी आशीष काला पुत्र रमेश चन्द्र काला ने बताया कि उनके संजायती नाप से कुछ व्यक्तियों द्वारा तुन (इमारती लकड़ी) का पेड काट दिया गया। विगत 2 जुलाई को इस मामले में उपजिलाधिकारी कोटद्वार को शिकायती पत्र सौंपा गया। जिस पर उपजिलाधिकारी द्वारा क्षेत्रीय पटवारी को जांच रिपोर्ट देने को कहा गया, लेकिन पटवारी ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके पश्चात 13 जुलाई को जिलाधिकारी को शिकायत पत्र देकर शीघ्र कार्रवाई की मांग की। इसके बावजूद डेढ़ माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पटवारी द्वारा आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पटवारी की लापरवाही और मिलीभगत के चलते आरोपियों ने मौके से कटे हुए तुन के पेड़ की डाटें भी गायब कर दी है। आशीष काला ने बताया कि वन तस्करों की मनमानी के चलते पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। जो भी व्यक्ति इनके सामने पेड़ काटने की आपत्ति करता है वन तस्कर उन ग्रामीणों के साथ मारपीट और गाली-गलौच करने से भी नहीं चूकते है। उन्होंने बताया कि इस मामले में भी पट्टी पटवारी द्वारा न तो निष्पक्ष जांच की गई और ना ही दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई। जिस कारण वन तस्करों के हौसलें बुलन्द है।