दफौट के तुनेड़ा में अतिवृष्टि से उफनाई कौशल्या नदी
बागेश्वर। जिले में मानसूनी बारिश का दौर जारी है। शुक्रवार को दोपहर बाद दफौट क्षेत्र में अचानक भारी बारिश हो गई। तुनेड़ा गांव में अतिवृष्टि से कौशल्या नदी उफान पर आ गई। इसके तेज बहाव में आने से एक खच्चर की मौत हो गई। इधर कपकोट में एक मकान पर पुराना विशालकाय पेड़ गिर गया। गनीमत रही कि हादसे में किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ। इधर बारिश के चलते जिले की आठ सड़कों पर शुक्रवार को भी यातायात बाधित रहा। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में रहने वालों की परेशानी बढ़ती जा रही है। जिले में गुरुवार से मौसम साफ था। शुक्रवार को भी सुबह से धूप निकली। हालांकि दफौट क्षेत्र में दोपहर बाद अचाक मौसम ने रूख बदला और तेज बारिश होने लगी। देखते ही देखते बारिश ने अतिवृष्टि का रूप धारण कर लिया। जिससे क्षेत्र की कौशल्या नदी उफान पर आ गई। ग्राम प्रधान उमेश दफौटी ने बताया कि नदी के तेज बहाव में ग्रामीण बालम सिंह के सात खच्चर भी आ गए। जिसमें एक खच्चर बह गया, हालांकि बाकी छह को बालम, हरीश, सुंदर समेत अन्य ग्रामीणों ने किसी तरह से बचा लिया। अचानक से तेज बारिश होने के चलते ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। क्षेत्र पंचायत सदस्य अनिल तिवारी ने प्रशासन से पीड़ित पशुपालक को अधिक से अधिक मुआवजा देने की मांग की है। इधर कपकोट गांव के तीर बाखली निवासी नारायण सिंह, बसंती कपकोटी और जवाहर सिंह कपकोटी के मकान में एक विशालकाय पेड़ गिर गया। लगातार बारिश से पेड़ की जड़ खोखली हो गई थी। जिससे पेड़ धराशायी हो गया। जिस समय हादसा हुआ घर के भीतर कोई नहीं था। जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया। इधर घटना की जानकारी मिलने पर नायब तहसीलदार पूजा शर्मा, राजस्व उपनिरीक्षक कुंदन लाल और कानूनगो देवेंद्र लोहनी ने मौका मुआयना किया। उन्होंने प्रभावित परिवार को तात्कालिक सहायता उपलब्ध कराई। पेड़ से मकान को हुए नुकसान का भी आंकलन तैयार किया। इधर बारिश से बागेश्वर तहसील के सेल्टा गांव निवासी रतन राम पुत्र अन राम का आवासीय मकान तीक्ष्य रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। ताछनी गांव के सतीश चंद्र पुत्र हरीश चंद्र का मकान भी आंशिक रूप से टूट गया। प्रशासन ने मौका मुआयना कर नुकसान का आंकलन तैयार कर लिया है।
आठ सड़कें बंद:
बागेश्वर। मानसूनी बारिश के चलते बंद पड़ी सड़कों को खोलने का काम शुक्रवार को भी चलता रहा। हालांकि अब भी आठ सड़कें बंद हैं। जिनमें बागेश्वर-दफौट, रिखाड़ी-वाछम, कपकोट-कर्मी, सनगाड़-बास्ती, पपों-रताइश, धपोली-जेठाई, गरुड़-ग्वालदम, रौल्यांना-लोहागढ़ी शामिल हैं।