उत्तराखंड

दावानल से दशरथांचल पर्वत के जंगल की वन संपदा को नुकसान

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नई टिहरी : तीर्थनगरी देवप्रयाग से सटे दशरथांचल पर्वत स्थित जंगलों में शरारती तत्वों की ओर से लगाई गयी आग यहां कई किमी. क्षेत्र में तक फैल गयी। आग यहां के निकटवर्ती सजवाणकांडा गांव के निकट तक पहुंच गयी, जिससे ग्रामीणों में अफरा तफरी बन गयी। ग्रामीणों व वन रक्षको ने काफी मशक्कत के बाद आग को गांव तक आने से रोका। इस क्षेत्र में लगातार दूसरे दिन भी जंगल आग से दहक रहे हैं। दशरथांचल पहाड़ की चोटी स्थित चीड़ के जंगलों में बीते शुक्रवार को शरारती तत्वों ने आग लगा दी, जो कि यहां कई किमी तक फैल गयी। निकटवर्ती सजवाणकांडा प्रधान वीरपाल सिंह पलियाल ने बताया कि, आग के गांव के पास तक आने की सूचना वन पंचायत प्रहरी मंगा देवी ने उन्हें दी। जिस पर उन्होंने वन विभाग से तुरंत मदद की मांग की। उधर आग के गांव के घरों के निकट पहुंचने पर सभी गांववासी झोपा व डंडो से आग बुझाने में जुट गए। वन रक्षकों की टीम भी यहां पहुंच गयी व आग बुझाने में जुट गयी। 65 वर्षीय ग्रामीण देवसिंह नेगी ने बताया कि, कई घंटों की मशक्कत के बाद रात तक आग को काबू किया जा सका। वहीं शनिवार तड़के आग फिर से दशरथांचल पहाड़ के दूसरे हिस्से में फैल गयी। जिससे यहां बहुमूल्य वन संपदा सहित बड़ी संख्या में निरीह वन्य जीव आग की भेंट चढ़ गए। दशरथांचल का यह निर्जन क्षेत्र वन्य जीवो का मुख्य ठिकाना भी है। प्रधान वीरपाल सिंह के अनुसार, रेंजर मदन सिंह रावत द्वारा क्षेत्र में फैल रही आग को जल्दी काबू कर लिए जाने का भरोसा गांववासियों को दिया गया है। (एजेंसी)

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