दंपती की मौत पर रोडवेज दे 13 लाख रुपये का मुआवजा
देहरादून। वर्ष 2017 में बस की टक्घ्कर से कार सवार बुजुर्ग दंपती की मौत के मामले में रोडवेज 13 लाख 25 हजार रुपये उनके परिवार को मुआवजे के रूप में देगा। मंगलवार को यह आदेश मोटर दुर्घटना प्रतिकार अधिकरण के अपर जिला जज सुबीर कुमार की अदालत ने दिया।
गौरतलब है कि दुर्घटना 19 अक्घ्टूबर 2017 को हुई थी। दिल्ली-देहरादून हाईवे पर मोहंड के पास रोडवेज बस और कार में आमने-सामने की टक्कर हो गई थी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के परखच्चे उड़ गए थे और कार में बैठे दो भाई और उनकी पत्नियों की मौके पर ही मौत हो गई। देहरादून के इंजीनियर एनक्लेव फेज-दो निवासी फकीर चंद शर्मा और उनकी पत्नी सुशीला शर्मा, छोटा भाई शिव कुमार शर्मा व उनकी पत्नी कमलेश शर्मा निवासी कालिंदी एनक्लेव स्विफ्ट कार से 19 अक्टूबर की सुबह छह बजे देहरादून से अपने पैतृक गांव अम्बेहटा चांद सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में दीपावली के पूजन के लिए गए थे। पूजन के बाद दोपहर में वे चारों देहरादून वापस लौट रहे थे। मोहंड से करीब दो किमी दूर शिव कुमार शर्मा ने आगे चल रही एक कार को ओवरटेक करने का प्रयास किया, इस दौरान सामने से तेज गति से आ रही उत्तराखंड रोडवेज की बस के साथ कार की भिड़ंत हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था और कार चला रहे शिव कुमार शर्मा (65), उनके बगल में बैठे उनके बड़े भाई फकीर चंद (70) व कार में पीटे की सीट पर सवार दोनों की पत्नी कमलेश शर्मा और सुशीला शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गई थी और चारों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
बता दें कि मृतक सुशीला व कमलेश भी सगी बहनें थीं। दोनों भाई एफआरआइ से रिसर्च अफिसर पद से रिटायर्ड थे। फकीर चंद शर्मा के बेटे संजय शर्मा ने बताया कि उनके पिता एफआरआइ से आरओ (रिसर्च अफिसर) पद से रिटायर्ड हुए थे, जबकि चाचा शिव कुमार 2017 में फरवरी में इसी पद से रिटायर्ड हुए।
संजय शर्मा ने कोर्ट में इस संबंध में शिकायत की थी। उनके अनुसार, उनके पिता को 20 हजार रुपये महीना पेंशन मिलती थी, जबकि 15 हजार रुपये वे दुकान से हर महीना कमा लेते थे। साथ ही उनकी माता भी हर महीने 15 हजार रुपये कमा लते थी। इससे उनके घर का खर्च चल रहा था। इस सब बातों को ध्यान में रखते हुए अदालत ने 8 लाख 25 हजार रुपये फकीर चंद की मौत पर और पांच लाख रुपये उनकी पत्नी की मौत पर परिवार को प्रतिकार के रूप में चुकाने के आदेश दिए हैं। यह रकम वर्ष 2017 से छह प्रतिशत साधरण ब्याज दर के साथ अदा करनी होगी।