उत्तराखंड

पुरोला में क्षतिग्रस्त दीवारों से बना है दुर्घटना का खतरा

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उत्तरकाशी। उप जिला चिकित्सालय के मुहाने पर छह पूर्व आई आपदा से सुरक्षा दीवारें खोखली हो गई हैं। इस कारण आवागमन करने में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही अस्पताल भवन को भी खतरा बना है। इससे स्थानीय लोगों में रोष है। पुरोला के देवढुंग, कोटी, पोरा, कुमारकोट, मोलटाडी, धामपुर, सुकडाला, भदराली सहित क्षेत्र के लगभग चार दर्जन से अधिक गांवों का पुरोला बाजार व अस्पताल आने का मुख्य पैदल मार्ग है, लेकिन आपदा के छह माह बीतने के बाद भी सिंचाई विभाग ने आज तक भी सुरक्षा दीवार नहीं लगवाई। इससे ग्रामीणों और बीमार लोगों को जोखिम भरा आवागमन करना पड़ रहा है। ऐसे में किसी बड़ी दुर्घटना होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। समाजसेवी बद्री प्रसाद नौडियाल ने बताया कि अगस्त माह में क्षेत्र में आई आपदा से कमल नदी के बहाव से बीएल जुवांठा उपजिला चिकित्सालय की सुरक्षा दीवारें क्षतिग्रस्त होकर खतरे की जद में आ गई थी। जो अब पूरी तरह से खोखली हो गयी और आवागमन भी जोखिम भरा हो गया है। बताया कि आपदा सचिव के के दीवार निर्माण के निर्देश देने के बावजूद भी कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। वहीं ग्रामीणों ने तहसील दिवस सहित विभागीय कर्मचारियों को कई बार मौखिक एवं लिखित अवगत भी करवाया बावजूद विभाग इस और ध्यान नहीं दे रहा है, जबकि यह क्षेत्र के दर्जनों गांव का मुख्य पैदल मार्ग है। साथ ही उप चिकित्सालय के भवन भी खतरे की जद में हैं। यदि समय रहते सुरक्षा दीवारों का निर्माण नहीं किया गया तो आने वाले बरसात में बड़ी त्रासदी होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

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