उत्तराखंड

दहेज की खातिर आज भी मारी जा रही हैं बेटियां

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

पिथौरागढ़। यूं तो दहेज लेना और देना कानूनन अपराध है, लेकिन समाज में आज भी विवाह के दौरान बेटियों को उपहार के तौर दिए जाने वाली सामाग्री दहेज को बढ़ावा देने का काम कर रही है। इसका ही फायदा उठाकर कुछ दहेज के लोभी विवाह के दौरान और बाद में लड़की पक्ष से तरह-तरह की डिमांड करते हैं। मांग पूरी हुई तो ठीक वरना कुछ लोग बेटियों को प्रताड़ित करने और उनकी जान तक लेने से भी पीटे नहीं हटते हैं। पिथौरागढ़ में बीते तीन वर्षों के दरमियान दहेज हत्या के सात मामले पुलिस तक पहुंचे हैं। हर वर्ष ही यहां औसतन दो बेटियां दहेज के कारण अपनी जान गंवा रहीं हैं। बात अगर वर्ष 2021 की करें तो जहां दहेज हत्या के दो मामले सामने आए। वहीं 2022 में संख्या बढ़कर तीन हो गई। वर्ष 2023 में भी नवंबर माह तक दहेज हत्या के दो मामले पुलिस तक पहुंचे हैं। कई मामलें तो पुलिस तक पहुंचते भी नहीं। अशिक्षा, लोकलाज और जानकारी के अभाव के कारण पीड़ित परिवार अपनी आवाज सरकारी तंत्र तक नहीं पहुंचा पाते।
नौ आरोपी सलाखों के पीटे पहुंचेरू दहेज हत्या के मामलों को लेकर पुलिस गंभीरता से काम कर रही है। पुलिस ने सभी सात मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी की है। हालांकि कुल 16 आरोपियों के सापेक्ष पुलिस ने नौ आरोपियों को सलाखों के पीटे भेजा है। लोगों की सोच में बदलाव जरूरीरू दहेज को लेकर सरकारी तंत्र के साथ ही विभिन्न संगठन जागरूकता अभियान चला रहे हैं। यह अभियान कुछ लोगों की सोच बदलने में जरूर कामयाब हुए हैं।
जनपद में वर्ष 2021 से अब तक दहेज हत्या के सात मामले प्रकाश में आए हैं। संबंधित मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। दहेज को लेकर आमजन की सोच में बदलाव आए इसके लिए पुलिस की ओर से भी जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। – लोकेश्वर सिंह, एसपी पिथौरागढ़(आरएनएस)।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!