मेरा सपना, मेरा लक्ष्य कार्यक्रम के लिए 50 किमी दूर पहुंची राइंका देवतोली से बेटियां

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बागेश्वर। सुशासन सप्ताह एवं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत बेटियों के लिए मेरा सपना, मेरा लक्ष्य (म्यर स्वैण-म्यर लक्ष्य) कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें शामिल होने के लिए 50 किमी दूर राइंका देवतोली से बेटियां जिला मुख्यालय पहुंची। डीएम आशीष भटगांई एवं महिला अधिकारियों ने बेटियों के साथ संवाद किया। बेटियों के सपने और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए उन्हें प्रेरणा दी तथा अपने अनुभवों को साझा किया। उसके बाद बेटियों को सरकारी कार्यालयों के क्रियाकलापों और सरकार की स्वरोजगार परक एवं जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित होने वाले लाभार्थियों के बारे में जानकारी प्रदान की गई। शनिवार को जिला सभागार में हुए कार्यक्रम में डीएम आशीष भटगांई ने बेटियों के सपने औऱ लक्ष्य को जाना। उन्होंने बेटियों को शिक्षा ग्रहण करने के साथ-साथ समग्र विकास औऱ जीवन के प्रति मूल्यों को भी आत्मसात करने को कहा। साथ ही बेटियों को अपने अंदर आलोचनात्मक सोच पैदा करने और योग्यता का विकास पर बल दिया। तांकि उन्हें जानकारी विश्लेषण, मूल्यांकन और व्याख्या करने की क्षमता का विकास हो सके। जिलाधिकारी ने कहा किसी भी कार्य को करने के लिए आपको अनुशासन के साथ कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होती है। इसलिए जिस भी कार्य क्षेत्र का चुनाव करें उस पर कड़ी मेहनत करें। कार्यक्रम में महिला अधिकारियों ने भी बेटियों को प्रेरणादायक मार्गदर्शन दिया। परियोजना निदेशक शिल्पी पंत, होमियोपैथिक अधिकारी डॉ. बेला महर्षा, डॉ. दिया गुणवंत ने बेटियों को किसी भी क्षेत्र में जाने के लिए अपनी क्षमता व रुची के अनुरूप मेहनत करने की प्रेरणा दी। सब इंस्पेक्टर मीना रावत ने पुलिस में जाने वाली बेटियों को जानकारी प्रदान की। डीपीओ डॉ मंजुलता यादव, क्रीड़ा अधिकारी किरन नेगी, बीईओ गरुड़ कमलेश्वरी मेहता, एपीओ रश्मि, नर्सिंग अधिकारी शीतल रावत, सीडीपीओ आशा भट्ट, प्रबंधक वन स्टॉप सेंटर षष्टी कांडपाल ने भी बेटियों को प्ररेणादायक सुझाव दिए। इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजनों से सीख ले जाने और अवसरों का सद्पयोग करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम का संचालन सुनील कुमार ने किया।

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