नई दिल्ली। भारत की ड्रग रेगुलेटर एजेंसी ने तीन फर्मों के कोरोना की जांच के लिए रैपिड डायग्नोस्टिक किट आयात करने के लाइसेंस रद और 16 अन्य के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। ये फर्में वे किट आयात कर रही थीं जिनके वितरण पर अमेरिका ने रोक लगा दी है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) ने अपनी सूची से ये टेस्ट किट बनाने वाली निर्माता फर्मों को बाहर कर दिया है।
भारत में जिन तीन फर्मों के लाइसेंस रद हुए हैं उनमें कैडिला हेल्थकेयर, एमडीएएसी इंटरनेशनल और एन डब्ल्यू ओवरसीज हैं। जबकि निलंबन के दायरे में आई 16 कंपनियों में ट्रांसएशिया बायो-मेडिकल्स, कस्मिक साइंटिफिक, इनबियोस इंडिया, एसडी बायोसेंसर, एक्यूरेक्स बायोमेडिकल, बायो हाउस-सोल्यूशन और ट्राइविट्रन हेल्थकेयर प्रमुख रूप से शामिल हैं।
ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (डीसीजीआइ) द्वारा जारी आदेश के अनुसार कंपनियों को 17 जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में पूछा गया कि यूएसएफडीए द्वारा कुछ कंपनियों की डायग्नोस्टिक किट को वितरण से हटाए जाने के बाद क्यों न उनका आयात लाइसेंस रद कर दिया जाए। इन फर्मों से 20 जुलाई तक अपना जवाब देने को कहा गया था।
21 जुलाई को 16 कंपनियों को जारी डीसीजीआई के आदेश में कहा गया कि कारण बताओ नोटिस पर आपकी प्रतिक्रिया किट को हटाने के संबंध में संतोषजनक नहीं पाई गई। हालांकि, आपके द्वारा अपना आयात लाइसेंस को रद नहीं करने का आग्रह किया गया। इसलिए, सार्वजनिक हित में उपरोक्त उत्पाद के लिए आपका आयात लाइसेंस निष्घ्क्रिघ्य हो जाता है और यह अगले आदेश तक निलंबित रहेगा।
वहीं जिन तीन कंपनियों के लाइसेंस रद किए गए हैं उनके आदेश में कहा गया कि कारण बताओ नोटिस पर आपकी प्रतिक्रिया किट हटाने के संबंध में संतोषजनक नहीं पाई गई। इसके विपरीत आपने उपरोक्त उत्पाद के लिए अपना लाइसेंस सरेंडर करने का इरादा जताया है। इसलिए, सार्वजनिक हित में आपका आयात लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद किया जाता है।