उत्तराखंड

किसानों के मामले में डीडीए ने आज बुलाई बैठक

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हल्द्वानी। किसानों के धरना प्रदर्शन के बीच शनिवार दोपहर को मौके पर पहुंचे जिला विकास प्राधिकरण (डीडीए) सचिव पंकज उपाध्याय ने किसानों से कहा कि जिन किसानों की भूमि की रजिस्ट्री रुकी हुई है वह इसकी जानकारी दें। मामले में उचित निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने संघर्ष समिति को आश्वस्त किया कि वह रविवार नगर निगम में शाम 3 बजे से बैठक करेंगे। जिन छोटे किसानों की रजिस्ट्री रुकी हुई है, उनके मामले मौके पर ही निस्तारित किए जाएंगे। शेष प्राविधानों में बदलाव का अधिकार शासन के पास है। ऐसे में किसानों ने फिलहाल आज 3 बजे तक रैली स्थगित रखने का निर्णय लिया।
मैंने कोई अनुमति नहीं दी रू सिटी मजिस्ट्रेट
किसानों की ओर से लगाए गए आरोपों में अपना पक्ष रखते हुए सिटी मजिस्ट्रेटाचा सिंह ने बताया कि उनके पास ट्रैक्टर रैली से संबंधित कोई पत्र नहीं पहुंचा है। किसानों द्वारा जो अनुमति पत्र दिखाया जा रहा है वो केवल रिसीविंग कपी है। जिसमें उनके हस्ताक्षर नहीं है। कहा कि इतनी अधिक संख्या में शहर में ट्रैक्टरों की रैली निकालने की अनुमति देने से यातायात व्यवस्था गड़बड़ाने का डर है। स्कूल बसें, एंबुलेंस समेत आवश्यक सेवाओं के वाहन जाम में फंस सकते हैं। इसी को देखते हुए शनिवार को ट्रैक्टर रैली नहीं निकालने दी गई।
ये है छोटे किसानों की दिक्कत
हल्द्वानी और आसपास में 90 प्रतिशत किसान बड़ी-छोटी जोत भूमि वाले हैं। जो कभी कभार शादी, बीमारी या बच्चों की पढ़ाई के लिए अपनी जमीन बेचते हैं। किसानों का कहना है कि रेरा लागू होने से वह प्रभावित हो रहे हैं। रेरा के प्राविधान के अनुसार किसी किसान के पास यदि 10 हजार वर्ग फीट भूमि है। उसमें से 5400 वर्ग फीट बेचने पर रेरा लागू होगा। इससे अधिक भूमि वो केवल षि कार्य के लिए ही दे सकता है। यानी आवासीय प्लट या कलोनी के लिए बेची गई 5400 वर्ग फीट की भूमि के बाद बचा हुआ हिस्सा वह नहीं बेच सकता है। इसमें भी शर्त ये है कि 30 से 40 फीट चौड़ी भूमि सड़क के लिए छोड़नी होगी। ऐसी स्थिति छोटे किसान अपनी कम भूमि कभी बेच ही नही सकेंगे।

 

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